मेरी चालू बीवी-63

(Meri Chalu Biwi-63)

इमरान 2014-07-01 Comments

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सम्पादक : इमरान
मस्ती भरी रात का पूरा मजा आ रहा था… सलोनी तो मस्ती कर ही रही थी… उसके चेहरे से लग रहा था कि वो हल्के नशे में है और वहाँ का माहौल उसको कुछ ज्यादा ही नशीला बना रहा था…

इस तरह खुले में इतने लोगों के बीच सेक्स का मजा करने का यह मेरा तो पहला ही अनुभव था..

जहाँ न जाने कितनी आँखें देख रही थी और कई हाथ छू रहे थे पर सलोनी तो पहले भी ऐसे खुले सेक्स का मजा ले चुकी है… यह मैंने अपने पेन रेकॉर्डर से सुना ही था…

और उसके हाव भाव से लग भी रहा था कि वो पूरी तरह मस्ती में डूबी थी…

आगे वाला लड़का बड़े मजे से उसको अपने से चिपकाये उसकी गर्दन और जहाँ जगह मिल रही थी चूम रहा था और वो मोटा आदमी भी सलोनी के पीछे से चिपक गया था…

मैंने देखा उसने सलोनी का स्कर्ट पूरा ऊपर को करके उसका निचला सिरा स्कर्ट की बेल्ट में फंसा दिया तो उसको अब स्कर्ट पकड़ने या ऊपर करने की जरुरत नहीं हो रही थी।

सलोनी पीछे से पूरी नंगी ही दिख रही थी, जरा सा स्कर्ट का कपड़ा ही अब उसके विशाल चूतड़ों पर दिख रहा था…

मोटे आदमी के दोनों हाथ सलोनी के चूतड़ों के समस्त भाग में घूम रहे थे और कभी कभी वो अपनी मोटी मोटी उँगलियों का भी प्रयोग कर रहा था।

इधर उस मोटे के साथ वाली लेडी पूरी मस्ता गई थी, वो मुझसे चिपकी जा रही थी…

वैसे भी वो केवल मजे लेने आई थी, उसको उस मोटे की बिलकुल चिंता नहीं थी।

मेरे हाथों ने उसकी टाइट स्लैक्स चूतड़ों को सहलाते हुए उसके मोटे चूतड़ों से पूरी ही उतार दी थी… स्लैक्स उसकी जाँघों तक पहुंच गई थी…

तभी उस लेडी ने कमाल कर दिया.. उसने मेरी पैंट की चेन खोलकर मेरा लण्ड बाहर निकल लिया…

उसकी इस हरकत से मुझे बहुत आराम मिल गया क्योंकि बहुत देर से मेरा लण्ड पूरा खड़ा था और पेंट के अंदर उसमे दर्द होने लगा था।

वो मेरे लण्ड को ऊपर से नीचे सहलाने लगी..

मैं अपना एक हाथ उसके चूतड़ों से हटा उस लेडी के आगे लाया और सीधा उसकी टांगों के बीच चूत पर रख दिया..
उसकी स्लैक्स कच्छी के साथ ही उतर गई थी इसलिए चूत पूरी तरह नंगी थी…

क्या मस्त चूत थी यार !! बिल्कुल फूली हुई… चूत पर बहुत मुलायम रेशमी बाल थे… मेरे हाथों की उँगलियों ने उसके बालों को सहलाते हुए चूत के होंठों को सहलाया..

उसके मुँह से सिसकारी निकल गई- ..अह्हा… आआआ… आआआ… अहा…

मैंने उँगलियों से ही उसके चूत के छेद को ढूंढ अपनी एक उंगली से छेद को कुरेदा.. उसके चूतड़ों पर रखा हाथ भी पीछे से उसकी चूत को कुरेदने लगा..

उसने कसकर मेरे लण्ड को पकड़ दबा दिया…

उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी और लगातार पानी छोड़ रही थी…
तभी उसने मेरे कान में कहा- …चलो कहीं साइड में चलते हैं…

क्या बात है !! मतलब वो चुदवाने के मूड में आ गई थी…

मैंने सलोनी की ओर देखा तो वो उन दोनों से मस्ती कर रही थी… उस मोटे आदमी ने सलोनी को पीछे से दबोच लिया था और उसके हाथ आगे से सलोनी की स्कर्ट के अंदर थे..

आगे से सलोनी की स्कर्ट अभी भी उसकी बेशकीमती चूत को ढके थी पर इस समय शायद उसकी चूत पर उस मोटे के हाथ थे जो पता नहीं कैसे उसको छेड़ रहे होंगे…

अब या तो मैं यहाँ रूककर सलोनी की मस्ती देखता या फिर इस नई बालों वाली चूत का मजे लेता…

यह तो पक्का था कि वो चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार थी और मेर लण्ड को बिना किसी शर्म के कभी सहला रही थी तो कभी कसके पकड़ लेती तो कभी मरोड़ देती..

कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ .???

लण्ड उसकी हरकतों के आगे झुकने को तैयार ही नहीं था…

मैंने बड़े प्यार से उससे उसका नाम पूछा- ..जानेमन तुम्हारा नाम क्या है?
लेडी- ऋज़ू.. बहुत धीरे से ही उसने बोला..
मैं- क्या मूड है?
ऋज़ू- तुम्हारे लण्ड को खा जाने का…

एकदम खुली शब्दों का प्रयोग !
मतलब पूरी तरह रण्डी बन गई थी वो… कहते हैं एक रण्डी हर स्त्री में छुपी होती है, बस उसको बाहर निकालना पड़ता है।

ऋज़ू काफी हाई सोसाइटी की दिख रहे थी मगर इस समय बिलकुल एक रण्डी की तरह ही बात कर रही थी और उसकी हर हरकत एक उच्च श्रेणी की रण्डी जैसी ही लग रही थी।

मेरा दिल उसको छोड़ने का बिल्कुल भी नहीं कर रहा था…बस सलोनी को मस्ती करते देखने का थोड़ा सा मन था ..

मगर ऋज़ू जैसे माल ने उसमें भी संदेह पैदा कर दिया था कि क्या करूँ?

मेरा लण्ड अब ऋज़ू की चूत में घुसने के लिए व्याकुल था…- मेरी जान यहाँ कहाँ चोदूँ तुम्हें? मेरा लण्ड तो तुम्हारी इस चुनिया के लिए पागल है..

मैंने कस कर उसकी चूत को मसल दिया तो ऋज़ू- अह्ह्हा…आआआ… मेरी चूत भी तेरे लौड़े को पूरा खा जाएगी।

उसकी भाषा हर तरह की लगाम छोड़ती दिख रही थी..

मैंने सोच लिया कि इस कमीनी के साथ पूरा मजा लेना है पर अब मेरा दिमाग केवल यह सोच रहा था कि मैं ऋज़ू को भी चोद लूँ और सलोनी को भी देखता रहूँ !

अब ये दोनों काम एक साथ कैसे होंगे… !?!

कहानी जारी रहेगी।

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