मेरी चालू बीवी-57

(Meri Chalu Biwi-57)

इमरान 2014-06-25 Comments

This story is part of a series:

इमरान

मगर यहाँ तो एक भिखारी आ गया था और साला बड़ी कमीनी नजर से सलोनी को घूर रहा था…
उसको देखकर ऐसा तो नहीं लग रहा था जैसे उसने ये सब पहली बार देखा हो…
इसका मतलब हमारे शहर में ये सब होता रहता होगा… या हो सकता है उसको देखने में मजा आ रहा था…

मैंने सलोनी की ओर देखान उसने शरमाकर दूसरी तरफ अपना चेहरा कर लिया था और अपने हाथ में पकड़ा टॉप को अपने सीने पर रख लिया था…

मगर उसका क़यामत ढाने वाला बदन तो अभी नंगा ही था…
जो उसने अपनी बेबखूफी में उसके सामने और भी ज्यादा उजागर कर दिया था…

उसने उससे छुपने के लिए अपना दायां पैर बाएं के ऊपर चढ़ाकर पूरा अपनी विंडो की ओर झुक कर बैठ गई…

इस पोजीशन में उसके नंगे चूतड़ पूरे ऊपर को उठकर मेरी ओर हो गए थे और उस भिखारी एवं लड़की को साफ़ साफ दिख रहे थे…

भिखारी- वाह साब… क्या माल फंसाया है… जमकर गांड मारना इसकी…

उसकी बात सुनकर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया… साला कितना कमीना था… एकदम खुली सड़क पर कैसी बात बोल रहा था और वो भी मेरी बीवी के बारे में…

अभी मैं उसकी बात से बाहर भी नहीं आया था…

कि उसके साथ वाली लड़की बोल पड़ी- क्या साब?? हमारी भी देख लो… 50 ही दे देना…
य्ह लड़की तो कमाल थी… मैं भौचक्का सा उसको देखता रह गया… कुछ समझ नहीं आया कि क्या करूँ…??

तभी बत्ती हरी हो गई… हम लगभग शहर के बाहर ही थे… केवल 2-3 ही गाड़ियां थी… जो हरी बत्ती होते ही चली गईं…

अब सिग्नल पर केवल हमारी गाड़ी और वो दोनों भिखारी ही खड़े थे…
तभी सलोनी उस लड़की को बोलते सुन चुप नहीं रह पाई- …अच्छा चल-चल, आगे बढ़… क्या दिखाएगी तू अपनी…??

सलोनी को बोलता देख वो समझ रहे थे कि वो शायद कोई सड़क छाप रंडी है…
लड़की- तू चुप कर छिनाल… तेरी तरह बेशरम थोड़ी हूँ जो सबको अपनी गांड दिखाती फिर रही है…

लड़की की बात सुनते ही सलोनी शर्म से पानी पानी हो गई… वो गाड़ी में एकदम से सिकुड़ कर बैठ गई…

भिखारी- अरे साब… मेरी बेटी की भी देख लो… इस कुतिया से तो बहुत अच्छी है… वैसे तो सब सौ देकर जाते हैं… आप 50 ही दे देना… चाहे आगे से मार लो या पीछे से… कुछ नहीं कहेगी…

मैं तो वाकयी आश्चर्य चकित था कि एक बाप अपनी बेटी के बारे में कैसे ऐसा सब बोल सकता है…

मैंने तुरंत गाड़ी स्टार्ट की… मुझे जाता देख वो तुरंत लड़की को लेकर गाड़ी के आगे आ गया…

और बेशर्मी से खुली सड़क पर अपनी बेटी का गन्दा सा लहंगा पूरा उठा दिया और लड़की को आगे को झुकाकर उसके चूतड़ दिखाने लगा…

लड़की ने लहंगे के अंदर कुछ नहीं पहना था, वो पूरी नंगी थी… उसके काले काले चूतड़ मेरी गाड़ी की हेडलाइट में चमक रहे थे…

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

और वो भिखारी जो खुद को उस लड़की का बाप कह रहा था… उस लड़की के नंगे चूतड़ पर हाथ मारकर मेरी और बहुत गन्दा सा इशारा करते हुए बोला- मार लो साब… बहुत टाइट है इसकी… सिर्फ़ 50 में…

मुझे बहुत हंसी भी आ रही थी और अब गुस्सा भी… फिर भी मैंने गाड़ी की डेशबोर्ड से 50 का नोट निकाला…

जैसे ही मेरी नजर सलोनी से मिली… वो बहुत ही बड़ी बड़ी आँखें निकाल कर प्रशन भरी नजरों से देख रही थी कि क्या अब इस भिखारी लड़की की मारोगे…??

अब मैं उससे क्या कहता… मैंने आँख बंद कर उसको इशारा सा किया…और मैंने चुपचाप अपनी ओर वाला शीशा नीचे किया और हाथ बाहर निकाल उसे 50 का नोट दिखाया…

वो तुरंत अपनी बेटी का लहंगा वैसे ही पकड़े पकड़े उसके चूतड़ों को सहलाता हुआ मेरी विंडो के पास आया- देखो साब… मैं झूठ नहीं बोलता… बहुत टाइट है इसका छेद… वैसे चाहो तो यहीं रोड के किनारे ही चोद दो साब… कोई नहीं आता यहाँ…

जैसे ही उसने मेरे हाथ से नोट लिया… मैंने ध्यान से उसकी बेटी के चूतड़ों की ओर देखा और जोर से हंसी आ गई…
काले चूतड़ों के बीच उसका लाल खुला हुआ छेद साफ़ दिख रहा था जैसे खूब चुदवाती हो…
मैंने अपना हाथ उसके चूतड़ों पर रखकर उसको थोड़ा सा गाड़ी से दूर को किया…
सच चूतड़ तो उसके बहुत चिकने थे… ऐसा लगा जैसे मक्खन में हाथ लगाया हो…

जैसे ही वो आगे को हुए… मैंने बाएं हाथ से गीयर डाल तुरंत एक्सीलेटर पर पैर रख दिया…
और यह भी बोल दिया- मेरी तरफ़ से तू ही इसकी मार लेना…
गाड़ी आगे बढ़ गई, मैंने साइड मिरर में देखा, वो पीछे चिल्लाते रह गए…
हम दोनों ही जोर जोर से हंस रहे थे…

सलोनी ने अब अपनी स्कर्ट और वो लाल ट्यूब टॉप पहन लिया था… उसको शायद डर था कि कहीं और कोई उसको नंगी न देख ले…
सलोनी- क्यों… उसको देख बड़ी लार टपका रहे थे… क्या करने का इरादा था?

मैं उससे मजे लेने के मूड में था- बस जान सोच तो रहा था कि एक दो शॉट मार लूँ…
सलोनी- बहुत बेशरम हो गए हो तुम… सच…
और वो दबे होंठों से मुस्कुरा भी रही थी…

मैं- अच्छा… मैं बेशरम? नंगी तुम बैठी थीं उनके सामने… और मैं…

सलोनी- क्या तुम भी…?? कैसे घूर रहा था कमीना… मेरी तो समझ ही नहीं आया कि क्या करूँ?? मगर तुम भी ना… इसीलिए मैं घर से ही बदल कर आ रही थी…

मैं- ओह रिलैक्स यार… कुछ नहीं हुआ… क्या हो गया जो उसने देख लिया तो…?? सब चलता है यार…

सलोनी खूब मस्ती से मेरे साथ बैठी थी… वो शायद भूल गई थी कि उसकी स्कर्ट बहुत छोटी है और उसने कच्छी तक नहीं पहनी है, जरा भी हिलने डुलने से बाकी लोगों को बहुत कुछ दिख जाने वाला था।

हम नाइट क्लब में पहुंचे…

कहानी जारी रहेगी।

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top