मेरा पहला किस

(Mera pehla kiss)

शीला 2014-12-22 Comments

हाई डार्लिंग,
क्या तुमने किसी को किस किया है?

अगर हाँ तो तुम जानते होगे कि हमारी ज़िंदगी का पहला किस हम कभी नहीं भूलते।
आज मैं तुम्हें अपने पहले किस के बारे में बताती हूँ।

मैं अपने गाँव सेफ्ली पहुँच गई। यहाँ अराइव करने के बाद हमें पिक-अप करने मेरे डैड आए।

मैं गाँव से ज़रूर थी, लेकिन मेरे डैड अच्छा अर्न करते थे और हमारे पास एक बड़ी हवेली थी।

डैड को मैंने कहा कि राहुल एक फोटोग्राफर है जिसे गाँव में कुछ फोटोस लेनी है मेरे साथ!
डैड को इस बात से कोई ऐतराज़ नहीं था और हम हवेली की ओर गये।

कार में सफ़र करते वक़्त राहुल फार्मस देख रहा था और मैं यादों की दुनिया में खो गई।

मेरे होमटाउन की यादें ताज़ा हो गईं और इन यादों में से एक था मेरा पहला किस!

कई साल पहले की बात है।
मैं फर्स्ट ईयर कॉलेज में थी और थोड़ी शाइ टाइप की थी जिस कारण मैं लड़कों से दूर रहती थी।

हमारी हवेली में एक लड़का था विवेक, जो अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए हमारे यहाँ काम करता था।

डैड को वो बहुत पसंद था और मैं भी उससे घुल मिल गई।

वो मुझसे उमर मे दो या तीन साल छोटा था लेकिन उसकी नज़र हमेशा मुझ पर रहती थी।
कभी वो मेरे क्लीवेज को घूरता तो कभी चुप के मुझे ड्रेस चेंज करते हुए देखता।

मैंने उसे कभी नहीं रोका… क्यूंकि मैं भी उसे लाइक करती थी।

फिर एक दिन मैंने अपनी दोस्त रेखा और उसके बॉयफ्रेंड को क्लास में किस करते हुए देखा।

सुबह का वक़्त था और मैं किसी कारण जल्दी आ गयी थी।
मैं जैसे ही क्लास में आई मैंने उन दोनों को एक दूसरे से लिपटा पाया और वो दोनों साइलेंट्ली और पॅशनेट्ली एक दूसरे को चूम रहे थे।

मेरी नज़र तो रेखा पर थी। वो अपने बॉयफ्रेंड को जिस उत्साह से किस कर रही थी, उससे मेरे अंदर एक क्युरिओसिटी जागी…
मैं भी जानना चाहती थी कि किस करने से कैसा लगता है।

उस दिन के बाद मुझमे एक लालसा थी… मैं भी किसी को किस करना चाहती थी, मैं कंट्रोल ही नहीं कर पा रही थी।

हर रात रेखा और उसके बॉयफ्रेंड के किस करने का दृश्य मेरे मन में छा जाता और मैं मुस्कुराकर सो जाती।

मेरी इच्छा को अगर कोई पूरा कर सकता था तो वो था विवेक, वो मुझे पसंद करता था और मैं भी उसे लाइक करती थी…
बस मैंने कभी उसे यह बताया नहीं था।

कुछ वीक्स लगे हम दोनों को एक दूसरे के करीब आने में और फिर एक दिन वो मुझे हवेली की छत पर ले गया।

शाम का समय था।
सनसेट होने ही वाला था और उसने मुझे एक जगह बिठाया।

मैंने पूछा कि वो मुझे यहा क्यूँ ले आया?

तो उसने शर्मा कर कहा कि वो मुझे किस करना चाहता है।

मैंने कहा ‘धत्त’ और उसे धक्का देकर भागने लगी।

विवेक ने मुझे पकड़ लिया और हम दोनों वहाँ बैठ गये।

उसका फेस मेरे फेस के बिल्कुल करीब था… उसकी आँखें मेरे होंठों पर थी और मेरी आँखें उसके होंठों पर!

उसने अपने लिप्स को लिक किया और मुझे किस करने के लिए आगे बढ़ा।

मैंने विस्पर करते हुए कहा कि कोई देख लेगा…
लेकिन उसने कहा यहाँ कोई नहीं है।

मैंने कहा कोई आ गया तो?

लेकिन उसने अपनी नज़र मेरे होंठों से ना हटाते हुए कहा की उसे परवाह नहीं।

और इसके पहले मैं कुछ बोल पाती, उसने अपने होंठों को मेरे होंठों से मिला दिया और मुझे एक लोंग एण्ड पॅशनेट किस किया।

मैं भी रेज़िस्ट नहीं कर पाई!
यह मेरा पहला किस था और मैं उस मज़ेदार एहसास में खो गई।

हम दोनों रुके नहीं और एक दूसरे को कुछ देर किस करते गये।

फिर नोन-स्टॉप किसिंग के बाद हम दोनों के होंठ के सॉफ्ट साउंड के साथ अलग हुए।
हम एक दूसरे की आँखों में कुछ पलों के लिए खो गये और फिर रेज़िस्ट न कर सके।
हम वहाँ पूरी शाम किस करते रहे।

कार के सडन स्टॉप से मैं अपनी यादों की दुनिया से बाहर आई और राहुल को अपनी हवेली का टूर दिया।
मैंने विवेक को वहाँ देखा, वो अभी कॉलेज में लास्ट ईयर कम्पलीट कर रहा था…

उसकी नज़रों से पता चला कि वो अब भी मुझे चाहता है।

शाम को मैं अकेली छत पर गई और उसे वहाँ पाया।

उसके चेहरे पर एक स्माइल आई और वो मेरी ओर बढ़ा, इसके पहले वो कुछ कर पाता मैंने उसे कहा कि अब हम बच्चे नहीं हैं।

विवेक के चेहरे पर जो डिसअपांईटमेंट आई, उससे मैं पिघल गई और उसे स्माइल करके कहा कि एक आखरी बार वो मुझे किस कर सकता है…
फॉर ओल्ड टाइम्स’ सेक!

और इस तरह मैंने एक और शाम विवेक को आखरी बार किस किया।
आगे मेरे गाँव में और क्या-क्या हुआ…
मैं तुम्हें अगली बार बताउंगी।
बाइ…मुआआह!

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