इत्तिफ़ाक से-2

इत्तिफ़ाक से-1

दोस्तो, अब कहानी का आगे का भाग आपके समक्ष प्रस्तुत है।

हम दोनों रेस्टोरेन्ट में बैठे ही थे कि वो जोड़ा हमारे सामने आ गया। दोनों ही सभ्य लग रहे थे, बिल्कुल मेरे और समीर की तरह। दोनों हमें देख कर मुस्कुराए। जवाब में हम भी मुस्करा दिये।
‘यदि आपको कोई आपत्ति ना हो तो क्या हम यहाँ बैठ सकते हैं?’ लड़की ने बड़ी अदा से मुस्करा कर पूछा।
‘ओह, प्लीज… आईये ना!’ समीर उसकी ओर देख कर बोल पड़ा।

मैंने समीर की ओर देखकर जानबूझ कर अपना मुँह बना लिया ताकि वो समझ जाये कि मुझसे बिना पूछे उसको इजाजत देना मुझे अच्छा नहीं लगा है।
वो जोड़ा सामने बैठ गया।
‘हाय! मेरा नाम मालिनी है।’
‘… और मैं अमोल!’ साथ वाला लड़का बोला।
‘मैं समीर और ये है अमीना!’ समीर ने बात आगे बढ़ाई।
‘मिलकर खुशी हुई, कॉफ़ी हो जाये’ अमोल ने हमारी तरफ़ देखा और सहमति पाकर कॉफ़ी के लिये कह दिया।

कॉफ़ी की चुस्कियों के साथ बातचीत होने लगी, पर अमोल की नजरें कहीं ओर ही थी और मुझे बड़ी हसरत से देखने लगता। मैं जान गई थी कि उसकी नजर मेरे यौवन पर थी, शायद मुझे चोदने की कामना करने लगा था। उधर मालिनी भी मद मस्त नजरों से समीर को मुस्करा कर देखे जा रही थी। मुझे समझ में आ गया कि कि इन दोनों ने हमारी चुदाई होते देख ली थी, जरूर ही ये चोदने चुदाने के लिये दोस्ती करना चाह रहे थे।

बातें चलने लगी, मैं भी अब अमोल को देख रही थी। मस्त सजीला जवान था। मैं उससे चुदने की कल्पना करने लगी। मैं जानती थी कि अमोल भी मुझे अपने नीचे दबा कर चोदने की बात सोच रहा होगा। इसी सोच से मेरी चूचियाँ फ़ड़क उठी। चूचियाँ कड़ी होने लगी। चूत में हलचल सी होने लगी। मुझे लगा कि यही हाल समीर और मालिनी का भी होगा।

आखिर में चलते हुये अपना कार्ड मुझे थमा दिया और हमें घर आने का न्यौता दिया और कहा कि यदि आप घर आयेंगे तो हम सभी आप लोंगो की मर्जी होने पर खूब मजे करेंगे।

मैंने समीर की ओर देखा और शर्मा कर नजरें झुका ली। समीर तो राजी लग ही रहा था, मैंने भी मुस्करा कर जमीन की ओर देखते हुये धीरे से हामी भर दी। अमोल सबका बिल चुका कर चला गया। हम दोनों बाईक पर सवार होकर उन दोनों को बाय कहा। वे भी अपनी कार से चले गये।

दो दिन के बाद हमें मिलना था। मैं तो बहुत उत्साहित थी कि अब तो मुझे एक नया लण्ड मिलेगा। समीर भी बार बार फ़ोन करके अपनी खुशी का इजहार कर रहा था।

आह्ह्ह! मेरे तो ब्रा और ब्लाऊज जैसे तंग हो कर फ़टे जा रहे थे। सारा शरीर एक मस्ती सी गुदगुदी से मचल रहा था। चुदने की आशा में मेरी चूत बार बार फ़ड़क उठती थी। समीर दो दिन बाद अपनी बाईक लेकर सही समय पर आ गया। अभी हम दोनों की चुदाई की भूख कम नहीं हुई थी। अभी तो मैं समीर के साथ खूब चुदना चाहती थी, पर साथ ही नये युगल का आनन्द भी तो लेना था। हम दोनों ने अमोल के अपार्टमेन्ट पर पहुँच कर उसे कॉल किया। उस समय मैंने भी टॉप और जीन्स पहन रखा था। अमोल हमें लिवाने बाहर आया और फिर हम सब अमोल के घर पर बैठे हुये थे।

मालिनी ने बीयर के लिये पूछा तो हमने हाँ कर दी। हम लोग बीयर की चुस्कियाँ लेते हुये रोमान्टिक बातें करने लगे। सभी पर इश्क का रंग चढ़ते देख कर अमोल ने टीवी पर एक ब्ल्यू फ़िल्म चला दी। फिर वो मुझे देख कर मुस्कराने लगा। मैं शर्मा गई। वो उठ कर मेरी बगल में बैठ गया। मैंने धीरे से नजरें उठा कर अमोल की तरफ़ देखा। शरीर में एक मस्ती भरी लहर उठने लगी। उसने मेरे कन्धे पर हाथ रख दिया और अपनी तरफ़ दबा कर बोला- मस्त है…
‘क्या…?’
‘व…व… वो फ़िल्म… देखो तो दोनों कितनी मस्ती कर रहे हैं!’

उसका हाथ धीरे से मेरी छाती पर उतर आया।
हाय राम! दबा दे मेरी चूचियाँ। मेरी छातियाँ धड़क उठी।

उधर मालिनी भी समीर से चिपक कर बैठी हुई थी। समीर उसकी चूचियाँ धीरे धीरे सहला रहा था। मालिनी का एक हाथ समीर की जांघें सहला रहा था। फिर वो लण्ड तक पहुंच गई, अब उसे धीरे से दबा दिया। बदले में समीर ने मालिनी की चूचियाँ मसल दी।
‘आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्…।’ कहकर मालिनी चहक उठी।

मेरा मन भी उसे देख कर मचल उठा। मैंने भी धीरे से अमोल का भारी लण्ड पकड़ लिया और उसे दबाने लगी। तभी अमोल ने मुझे उठा कर अपनी गोदी में बैठा लिया। उफ़्फ़्फ़्… उसका कड़ा लण्ड जीन्स के ऊपर से ही मेरी गाण्ड में घुसने लगने लगा था। मैं तो मदहोश हुई जा रही थी। उसने मुझे दबा कर मेरा जिस्म मसलना शुरू कर दिया और फिर धीरे से उसने मेरे अधरों पर अपने अधर रख दिये। मैं भी उससे जोर से लिपट गई और उसके होंठ चूसने लगी। उसका कड़क ताकतवर लण्ड मेरी गाण्ड पर जबरदस्त रगड़ मार रहा था। गुदगुदी के मारे मैं तो बेहाल हो गई थी।

मैंने समीर की तरफ़ देखा। मालिनी समीर की पैंट चड्डी समेत नीचे खिसका कर लण्ड मुख में लेकर उसकी मस्त चुसाई कर रही थी।

मोल ने भी अपनी पैंट नीचे खींच कर अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। फिर उसने मुझे खड़ी करके मेरी जीन्स भी नीचे उतार दी और मेरे चिकने सुन्दर गोल गोल चूतड़ों को सहलाने और दबाने और मसलने लगा। मैंने घुमा कर अपनी मस्त चूतड़ों को अमोल के चेहरे की तरफ़ करके इतराने लगी। मुझे अपने चिकने सुन्दर चूतड़ों पर नाज हो रहा था। अब वो मेरे शानदार चूतड़ों को चूमते हुये अपने दान्तो से उसे काटने लगा था। उसके यूं काटने से मुझे एक अजीब सी मस्ती छाने लगी थी। मैं बार बार चूतड़ों को मटकाते हुये माहौल को और रंगीन बना रही थी।

उधर मालिनी समीर का लण्ड मुख लिये हूम… हूम करके यूँ चाट रही थी कि जैसे उसे कभी लण्ड मिला ही ना हो। अब समीर ने मालिनी को उल्टी सुल्टी पोजिशन में लेकर उसकी चूत में अपना मुख घुसा दिया। लण्ड मालिनी ने गप से मुख में घुसा लिया। समीर का लण्ड मालिनी के सुन्दर मुख में गपागप अन्दर बाहर हो रहा था और मुख को चोद रहा था। मालिनी मादक सिसकारियाँ भरने लगी थी। मैंने भी उसे देख कर जोश में आते हुये अमोल का लण्ड खोल कर उसका सुपाड़ा अपने मुख में लेकर उसके निचले हिस्से में घुमा घुमा कर चूसने लगी, उसकी गोलियों को धीरे धीरे खींच कर उसे मतवाला बना दिया फिर अपना चूसने का कमाल देखने लगी।

फिर क्या था कुछ पलों में अमोल ने मुझे पूरी नंगी कर दिया। और मेरे ऊपर झुक पड़ा। उसने अपना लण्ड मेरी चूत से भिड़ा दिया और एक करारा धक्का लगा दिया। मेरे मुख से एक रसभरी चीख निकल गई।

तभी ट्रिंग… ट्रिंग… मोबाईल की घण्टी बज उठी।
अमोल ने एक झटके से अपना लण्ड बाहर खींच लिया। मेरे मुख से एक मीठी सी आह निकल गई साथ ही मेरी झांटें भी सुलग उठी। यह साला कौन हरामजादा अपनी बहन चुदवाने के लिये कॉल कर रहा है। लण्ड अच्छा खासा अन्दर घुसा हुआ था, साला बाहर निकाल दिया। चूत के मुख से जैसे निवाला छीन लिया हो।

2-3 मिनट के बाद अमोल वापस आया तो उसके साथ एक सुन्दर सा संजीदा जवान भी था।
‘हाउ राज!’ मालिनी बोल उठी। उस सुन्दर से सजीले लड़के का नाम राज था।

‘हाय माय डियर!’ कह कर मालिनी को उसने चूम लिया। समीर ने सब कुछ भांप लिया था। उसने मालिनी को घोड़ी बना कर अपने ऊपर लेटा लिया और मालिनी की गाण्ड के छेद को कुरेदा। फिर अंगुली में थूक लगा कर गाण्ड में घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा। अमीशा समीर को देख कर मुस्काई और एक मीठा सा किस लिया।

‘थेन्क्स समीर… पीछे आ जाओ और मेरी गाण्ड चोद दो’
समीर पीछे आ गया और अपने लण्ड के सुपाड़े को मालिनी की गाण्ड से भिड़ा कर द्बाया।

‘आह्ह्ह… चुद गई…’ मालिनी के मुख से निकला। समीर का गुलाबी सुपाड़ा अपनी पूरी ताकत से गाण्ड में जगह बनाता हुया चार इंच तक घुस गया। राज अपने लण्ड को पैंट के ऊपर से ही अपने लण्ड को दबा कर मालिनी को किस करा रहा था। राज ने भी अब अपने अपने पूरे कपड़े उतार दिये और नंगा हो गया। मालिनी ने राज का लण्ड अपने मुख में लेकर पूरी तबियत से खूब चूसा।

यहाँ अमोल मेरे ऊपर पूरा छा गया। मैं मस्त हो कर अपनी प्यारी सी चूत चुदवा रही थी कि अचानक राज मेरी तरफ़ बढ़ने लगा। राज का भी लण्ड मस्त 7 इन्च का और गोरा चिट्टा था। उसे देख कर मेरे मुह में पानी आ गया।
‘हाय राज!’ मैं राज की तरफ़ देख कर मुस्करा दी।

वो मुस्करा उठा। मैं कभी शरारत से अमोल को देखती और कभी राज को। अमोल को समझ में आ गया कि मैं राज को साथ लेने से मना नहीं करूंगी। राज ने अमोल को देखा अमोल तो बस मुस्करा भर दिया। राज ने झुक कर मेरी चूचियाँ अपने मुख में भर ली। फिर उसने मेरे दोनों चूचे मसलते हुये मुझे चूमना शुरू कर दिया। अमोल तो अपना लण्ड मेरी चूत में फ़ंसा कर बैठा हुआ मेरी और राज की हरकतें देखने लगा था। अब राज ने अपना बड़ा सा लाल सुपाड़ा मेरे मुख में घुसा डाला। मैंने पूरी इमानदारी के साथ राज के लण्ड की शानदार चुसाई की। वो भी मेरी चुसाई से मस्त हो गया
‘वोव्… अमीना… तुम बहुत मस्त और सेक्सी हो… चोदने के लायक हो!’

दूसरी और समीर का लण्ड मालिनी की गाण्ड की मां चोद रहा था।… और यहाँ दोनों के बीच मेरी गाण्ड की मां चोदने के लिये झगड़ा शुरू हो गया था। अमोल मेरे ऊपर से उठ गया और राज नीचे लेट गया। मैं इशारा समझ कर राज के लण्ड के ऊपर बैठ गई। राज का लण्ड मेरी चूत से भिड़ गया था। मैंने चूत को और दबा दिया और उसका लण्ड दो तिहाई चूत के अन्दर कस गया। अब राज ने मुझे अपने ऊपर झुका लिया और मेरे होंठ चूमने लगा। मेरे गाण्ड के छेद में अमोल की थूक भरी अंगुली गाण्ड में घूम घूम कर उसे नरम और रवां दार बना रही थी।

मैंने गाण्ड तो कई बार मरवाई थी, पर कभी दो दो लण्ड एक साथ नहीं लिये थे। यह तो पहली बार था… कि मुझे इत्तिफ़ाक से दिवाली धमाका ऑफ़र मिल गया। एक लण्ड के साथ एक लण्ड फ़्री… । दो मिनट बाद अमोल ने अपनी अंगुली निकाल कर अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रख कर दबा दिया।

‘उफ़्फ़… हाय राम्… मर गई… वाह्ह्ह्… ओ येस… चोद दो मेरे राजा… फ़क मी… आह्ह्ह!’ अमोल और राज दोनों ही मस्ती से मेरा बाजा बजाने में लग गये थे।
‘वोव्… क्या मस्त लण्ड है… आह्ह्ह मार डाला रे… तुम दोनों मुझे बहुत प्यारे हो… आई लव… यू बोथ… मां मेरी… फ़क्… फ़क्… राजा… मुझे जोर से चोद डालो…’

आज मैं सचमुच खूब मस्त हो रही थी। मेरी सुन्दरता पर दोनों मरने मिटने लगे थे। बड़ी सुन्दर लय के साथ थाप पर थाप पड़ रही थी, सच में जैसे एक मधुर संगीत बज सा बज रहा था… शायद इसी को बजाना कहते होंगे। मेरी सुन्दरता पर दोनों ही चार चांद लगा रहे थे। दोनों ही मेरी हुस्न की सही कदर करने वाले थे… पूरा जोर लगा कर मुझे बजा रहे थे। मेरा कितना खूबसूरत कॉप्लीमेन्ट था… मुझे मसल मसल कर ठोकते हुये मेरे जोबन की मस्त चुदाई!
मैं इसी के लायक थी…

जी हाँ! सुन्दर चेहरा, मस्त फ़िगर, गोल मटोल गाण्ड, चूत की गहराई…। इस शानदार जवानी की यही वास्तविक कीमत थी। कोई एक मेरे गले में मंगलसूत्र डाल कर मुझे बजाये इससे अच्छा तो यही है कि मैं अपने मनपसन्द लड़कों से बिना मंगलसूत्र के अपनी आगे और पीछे की मस्ती से बजवाऊँ।

दोनों अपनी पोजीशन बदल बदल कर मुझे ठोक रहे थे। कभी राज चूत चोदता तो कभी अमोल को मौका मिल जाता मेरी गाण्ड बजाने का। फिर दोनों के कड़क तने हुये लण्ड कुछ देर बाद बाहर आ गये और मेरे चेहरे के सामने तन्ना कर लहराने लगे। फिर मुझ पर जैसे वीर्य की पिचकारियाँ बरसने लगी। यह कोई पहली बार फ़ेस शॉवर नहीं लिया था… कई बार मैं फ़ेस शॉवर ले चुकी थी। पर यह पहली बार था कि दो दो लण्ड मेरे चेहरे को अपने वीर्य से नहला रहे थे।

‘आआह्ह्ह्ह… यह हुई ना बात…’ मुझे अपने चेहरे पर गिरते हुये वीर्य के कारण बहुत ही नशीलापन लगने लगा था। बीच बीच में मुख खोलने से बहुत सा माल मेरे मुख के अन्दर भी आ पड़ा था। समीर भी मालिनी के मुख पर अपना लण्ड रगड़ रगड़ कर अपना माल उसके मुख मण्डल पर निकाल रहा था। सभी मेरे चेहरे पड़े सफ़ेद गाढ़े वीर्य को देख रहे थे… फिर उन्होंने अपने हाथों से मेरे चेहरे पर वीर्य को मलना शुरू कर दिया। बीच बीच में अपनी वीर्य से भीगी अंगुली भी मेरे मुख में घुसा देते थे, जिसे मैं बड़ी मधुरता से चूस लेती थी। आह्ह्ह… मुझे अपने आप पर लड़की होने पर नाज होने लगा था… ।
‘उठो अब चलो, फिर रात बहुत हो जायेगी… ‘ समीर ने भी झटपट कपड़े पहन लिये। वापस मिलने का वादा करके हम दोनों उसके फ़्लेट से निकल पड़े…

मोनिषा बसु

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category कोई मिल गया or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

इत्तिफ़ाक से-2

Comments

Scroll To Top