जीना इसी का नाम है-7

(Jeena Isi Ka Naam Hai-7)

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अनीता को रॉकी ने अपनी बांहों में उठाया और अनीता ने उसके गले में हाथ डाले, रॉकी उसको लेकर बेडरूम चला गया।
जैसे फिल्मों में हीरो सुहागरात मनाने हिरोइन को उठा कर ले जाता है।

मैंने आँख बेडरूम वाले छेद पर लगा दी अनीता और रॉकी नंगे ही सोये थे, अनीता रॉकी के सीने पर सर रख कर सो गई, मैं स्टडी रूम में कुर्सी पर सोने का प्रयास करने लगा।

मुझे एक झपकी लगी, सुबह करीब चार बजे मेरी नींद खुली मैंने देखा अनीता और रॉकी उसी तरह सोये थे, तभी रॉकी की नीद खुल गई। अनीता के नर्म गोरे और नागे बदन का स्पर्श पा कर उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा उसने सोई हुई अनीता के उरोज चूसना चालू कर दिया और हाथ से उसका बदन सहलाने लगा।

मैं समझ गया कि एक बार फिर मैं अपनी कुतिया बीवी को चुदते हुए देखूँगा, मैं संभल कर बैठ गया।
अनीता नींद से जाग रही थी पर उसका मन सोने का था, इसलिए बोली- रॉकी, मुझे सोने दो, सुबह कर लेना!

पर रॉकी को कहाँ सब्र था, वो बोला- मै’म सुबह मत देना पर अभी दे दो, मुझसे रहा नहीं जा रहा!

वो अनीता को हिला हिला कर खुशामद करने लगा, अनीता अनमने ढंग से राजी हुई, बोली- हरामी… चल ले ले… नहीं तो खुद सोयेगा न मुझे सोने देगा।

दोनों एक दूसरे का बदन सहला कर कर एक दूसरे को उत्तेजित कर रहे थे, रॉकी अनीता की चूत अपर हाथ फेर रहा था।

थोड़ी देर में अनीता पूरे ताव में आ गई, टांगें फैला कर रॉकी के लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत में ठूंसने लगी, बोली- रॉकी डाल, जल्दी डाल हरामी… चोद ले मुझे, ऐसे तेरी बीवी भी तेरा लंड खींच कर चूत में नहीं भरेगी।

रॉकी चित लेटी मेरी बीवी पर चढ़ गया और उसे चोदने लगा, मेरी बीवी चूतड़ उछाल उछाल कर चुद रही थी- हाय… हाय.. हाय सी… सी सी… जोर से चोद रॉकी जोर से हरामी… मेरी नीद ख़राब की, पूरा जोर लगा!

रॉकी का लंड सटासट अन्दर बाहर हो रहा था, मेरी बीवी की चूत पानी छोड़ रही थी, रॉकी जब शॉट मारता तो फच… फच… फच.. फच … की आवाज आती, मेरी बीवी को शायद बहुत मजा आ रहा था, बोली- हाय हाय, मजा आ गया रॉकी तुम सचमुच मर्द हो आहा.. आहा… हो हो… पर अब बस करो पानी छोड़ दो… रॉकी बस करो, मुझे जलन होने लगी है छोड़… छोड़… छोड़ हरामी मुझे दर्द हो रहा है …मर गई… मर गई.. छोड़ …छोड़ दे मादरचोद…

पर रॉकी यह सुनकर और ताव में आ गया और अपने शक्तिशाली लंड से मेरी बीवी की चूत पर बहुत जोर जोर से दनादन प्रहार करता गया फच.. फच…फच… फच…फच… जब तक की वो झड़ नहीं गया।

मेरी बीवी की जान में जान आई, बोली- कमीने, अपनी खुद की बीवी आएगी तो बड़े प्यार से चोदेगा और मेरी चूत चोद चोद कर लाल कर दी… कुत्ते!

फिर दोनों सो गए, सुबह 7 बजे रॉकी चला गया, अब मैं बाहर आ गया, अनीता हैरान हो गई, बोली- तुम कहां से आ गए?

मैं बोला- मैं कहीं नहीं गया था, मैंने स्टडी रूम से रात भर रॉकी और तुम्हें देखा है।

अनीता का चेहरा फक्क पड़ गया, काफी देर तक खामोश रही, फिर बोली- सौरभ, मैं इतनी बिगड़ गई हूँ कि मेरा सुधारना अब नामुमकिन है, और अगर मैंने कुछ एन्जॉय कर ही लिया है तो इसमें बुरा ही क्या है, जिंदगी एक बार ही मिलती है, एन्जॉय करो, सौरभ एन्जॉय करो, तुम अगर दूसरी लड़की को लाते हो तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है, सब नियम धर्म फालतू हैं, मस्ती करो खुश रहो! एक दिन सब मर जायेंगे, मैं कहती हूँ जी भर मजे ले लो क्योंकि जीना इसी का नाम है।

मैं कुछ नहीं बोला और ऑफिस जाने के लिए तैयार होने लगा। इस घटना के बाद अनीता बेशर्म हो गई, उसे मेरी कोई परवाह या डर नहीं रह गया था, वह मनमाने ढंग से जीने लगी, अक्सर रात को घर नहीं आती थी।

एक दिन एक और हद हो गई जब वो एक शाम बूढ़े सेठ धर्मचंद जैन को अपने साथ ले कर घर आई।

मुझे पता था कि सेठ शहर का नामी रईस आदमी है, इनका गोल्ड और डायमंड का कारोबार है, मैं समझ गया कि अनीता ने इसे पैसे के लालच में फंसाया है, मुझे एक तरफ ले जा कर अनीता धीमे स्वर में बोली- बुड्ढा एक रात के 50 हजार तक दे सकता है, तुम बस थोड़ा को-ऑपरेट करो, मैं सब सम्भाल लूँगी।

मुझे बहुत शर्म आई कि यह मेरी बीवी है।

उसके बाद अनीता ड्राइंगरूम में आई, सेठ से बोली- सर, आप सोफे पर क्यों बैठे है दीवान पर लेट जाईये, मुझे पता है कि आप कारोबार में बहुत थक जाते है, सौरभ तुम जाओ और डिनर की व्यवस्था करो।

मैं मुँह बना कर चला गया, करीब दो घंटे बाद लौटा तो अनीता सेक्सी ड्रेस में सेठ के साथ ड्रिंक ले रही थी और बड़े प्यार से सेठ को पिला रही थी जैसे सेठ की जन्मों से गुलाम हो।

मेरे सामने ही उसने सेठ को दो बार किस किया, इसके बाद सेठ को खाना खिकाते समय अनीता उस पर ऐसे प्यार लुटा रही थी जैसे माँ अपने बच्चे पर…

सेठ को तो लग रहा था कि अनीता के सिवा दूसरा कोई उसका ख्याल रखने वाला है ही नहीं, भावुक हो कर अनीता से बोला- बीवी के मरने के बाद आज पहली बार किसी ने मेरे लिए इतना कुछ किया है।

अनीता सेठ को नीचे छोड़ कर मुझे लेकर ऊपर के कमरे में आई, मुझसे कहा- तुम ऊपर ही रहना, मैं बुड्ढे को निपटाती हूँ।
मैं ऊपर के कमरे में जाकर सो गया।

रात को करीब 12 बजे मुझे अनीता ने जगाया, मैं बोला- क्या हुआ?

अनीता ने जवाब दिया- साला बुड्ढा… ठीक से खड़ा भी नहीं होता है उसका, आग लगा कर सो गया है, अब तुम ही कुछ करो…

मुझे न चाहते हुए भी उसकी चुदाई करनी पड़ी।

इसके बाद अनीता बोली- मैं नीचे जा रही हूँ, सोना तो उसी के साथ पड़ेगा, 50 हजार जो लेना है।
कहानी जारी रहेगी।

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