हम तो आपका दूध पिएँगे-1

आर के सिंह 2014-11-21 Comments

Hum to Aapka Dudh Piyenge-1
हैलो दोस्तो, मेरा नाम आर के सिंह है, मैं मुंबई से एक एक कॉल-बॉय हूँ और बहुत ही कामुक हूँ। मेरे लंड का आकार 7′ है।

अगर कोई लड़की या महिला चुदाई के लिए मुझे मुंबई के आस-पास या मुंबई से दूर अन्य शहरों में बुलाती है, तो भी मैं जाता हूँ।

मुझे सेक्स बहुत पसंद है इसलिए मैं बहुत ही हॉट हूँ, चुदाई में लड़कियों को पूरी संतुष्टि देने में मुझे महारत हासिल है।

ज्यादातर महिलायें मुझे घर से बाहर घूमने के बहाने बुलाती हैं और मैं उनको चोद कर पूरा मजा देता भी हूँ और खुद भी मजा लेता हूँ।

अब कहानी चालू करता हूँ।

मुझे एक महिला का ईमेल आया उसमें उसका नाम प्रिया लिखा था। उसकी उम्र 28 वर्ष की थी और वो अमदाबाद से थी।

उसने मुझसे मेरा मोबाइल नम्बर माँगा था, मैंने उसे अपना मोबाइल नम्बर दे दिया और उसने मुझे मैसेज किया।

प्रिया– आर यू आरके सिंह ?

तब मैंने उत्तर दिया- हाँ.. बोलिए प्रिया जी!

प्रिया– मुझे आपके साथ सेक्स करने की इच्छा है क्या आप मेरे साथ करना पसंद करेंगे?

मैं– हाँ, ज़रूर करूँगा प्रिया जी।

प्रिया– थैंक्स यार.. अब बताओ.. आप कब मुझसे मिल सकते हो और आप कहाँ से हो?

मैं– मैं मुंबई से हूँ और जब आप बुलाना चाहें मैं आ सकता हूँ।

प्रिया– क्या आप मुझे अपने लंड का फोटो ईमेल कर सकते हो?

मैं– हाँ हाँ.. ज़रूर ईमेल कर दूँगा, पर प्रिया जी फिर आपको भी अपना फोटो ईमेल करना होगा!

प्रिया– हाँ.. अभी ईमेल कर देती हूँ।

मैं– ओके जी.. तो मैं भी अभी ईमेल कर देता हूँ।

और मैंने अपने लंड के कुछ फोटो ईमेल कर दिए।

कुछ देर मैसेज फिर आया।

अबकी बार के मैसेज में वो बहुत खुल गई थी।

प्रिया– आरके सिंह.. मुझे आपका ईमेल मिल गया, बहुत ही मस्त लंड है.. आहह.. मज़ा आ जाएगा, वास्तव में आरके क्या मस्त लंड है.. मेरी चूत ने तो अभी से पानी छोड़ना चालू कर दिया है, जब घुसेगा तब तो क्या मज़ा आएगा, वॉऊ…

मैं– थैंक्स, आपने अपना फोटो ईमेल नहीं किया?
प्रिया– आर के, मैंने अपना फोटो ईमेल कर दिया है, आप चैक करो।

मैं पुनः देखा.. उसका ईमेल आ गया था।

मैं– हाँ.. प्रिया जी आपका ईमेल मिल गया है, वॉऊ.. यार आप तो बहुत ही सुंदर हो.. आपकी चुदाई में तो बहुत मज़ा आएगा… सच में कहूँ तो मुझे 22 से 30 साल की महिला के साथ चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है।

प्रिया– आरके सिंह.. अब बोलो अमदाबाद कब आओगे?

मैं- जब आप बुलाओ।

प्रिया- क्या आप शुक्रवार को आ सकते हैं?

मैं- हाँ हाँ, आ सकता हूँ पर कितने दिनों के लिए?

प्रिया- शुक्रवार से मंगलवार तक के लिए आना है और आपका चार्ज कितना है?

मैं- प्रिया जी मेरी फीस बहुत ही कम है, आप बस टिकट भेज दीजिए और 1500 रूपए दे देना।

प्रिया- बस 1500 रूपए और टिकेट..! मैं राजी हूँ और मैं आपको फ्लाइट के टिकट भेजती हूँ।

मैं- ओके जी.. तो मैं शुक्रवार को आ जाऊँगा, फ्लाइट से बहुत कम वक्त लगता है।

प्रिया- डन।

मैं- डन.. टिकट कब भेजोगी?

प्रिया- कल सुबह में.. सुबह दस बजे तुम मुझे फैक्स नम्बर देना। अब मुझे नींद आ रही है कल बात करेंगे, गुड-नाइट।

मैं- गुड-नाइट प्रिया जी।

सुबह 9 बजे प्रिया जी का मैसेज आया।

प्रिया- गुड-मॉर्निंग, आरके.. मैंने टिकट का इंतजाम कर दिया है, फैक्स नम्बर दो।

मैं- बस पांच मिनट में देता हूँ।

फिर मैंने फैक्स नम्बर दे दिया।

प्रिया- मैंने फैक्स कर दिया है.. फैक्स मिला?

मैं- हाँ.. मिल गया प्रिया जी।

प्रिया- आरके डार्लिंग.. पक्का रहा.. शुक्रवार को आना है.. भूलना मत।

मैं- हाँ प्रिया जी मैं पक्का आऊँगा.. और वक्त पर आ जाऊँगा, पर अमदाबाद में आप कहाँ मिलोगी?

प्रिया- मैं अपना पता मैसेज करती हूँ.. वहाँ आ जाना, पास में ही है ज्यादा दूर नहीं है डियर।

मैं- ओके जी।

कुछ ही पलों में मुझे उनका पता मिल गया। फिर हमने रात को भी फोन से बात की और फिर मैंने शुक्रवार को 9 बजे को फ्लाइट पकड़ ली और अमदाबाद एक घंटे में ही पहुँच गया।

मैंने प्रिया को मैसेज किया- मैं अमदाबाद आ गया हूँ।

तो उन्होंने कहा- मैं घर पर इन्तजार कर रही हूँ, आप आ जाओ।

फिर मैंने बताए हुए पते पर पहुँच गया, वो एक फ्लैट था और मैं घर पर पहुँचते घन्टी बजा दी, एक मधुर सी आवाज़ आई- रूको, मैं आ रही हूँ आरके डार्लिंग..

जैसे उन्हें पता था कि दरवाजे पर मैं ही हूँ।

फिर उन्होंने घर का दरवाजा खोला और कहा- आप आरके सिंह हैं ना?

मैंने कहा- हाँ प्रिया जी।

‘यात्रा कैसी रही?’

मैं- मस्त रही.. मैं ठीक वक्त पर आ गया… क्या घर में कोई नहीं है?

प्रिया- नहीं है, सब आउट ऑफ इंडिया रहते हैं मैं अकेली ही रहती हूँ जी।

मैं- ओह.. मुझे पता नहीं था, चलो अब आपका अकेलापन दूर हो जाएगा।

प्रिया- हा हा हा, आप जो आ गए हो।

प्रिया उस वक्त साड़ी पहने हुई थी.. हल्के नारंगी रंग की साड़ी में वो बहुत ही कामुक लग रही थी।

तब मैंने कहा- आप बहुत हॉट लग रही हो जी।

तब उन्होंने कहा- थैंक्स.. पर उस गर्मी को दूर करने के लिए ही तो आपको बुलाया है जी।

मैंने कहा- ओह हाँ..यह तो है।

फिर प्रिया ने कहा- आप थक चुके होंगे, मैं ज़रा पानी लेकर आती हूँ..

वो अन्दर जाने लगी और मैं प्रिया के पीछे चला गया, रसोई में पीछे से उसके मम्मों को पकड़ लिया और कहने लगा- पानी नहीं.. हम तो आपका दूध पिएँगे..

फिर मैं उसके मस्त मम्मों को दबाने लगा और ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा।

‘आआहह.. आरके आआह्ह्ह..’

फिर मैं उसके मम्मों को मसलता गया मसलता गया, करीबन 5 मिनट तक मसलने के बात पता चला कि वह बहुत गर्म हो गई थी और उसके कंठ से सिसकारी की आवाज़ निकल रही थी।

मैं अब भी उसके मम्मों को दबाता रहा, तभी उसने मेरे लंड पर हाथ रखा। मैंने जीन्स पहना था तो वो ऊपर से ही लंड को सहलाने लगी।
कहानी अगले बाग़ में समाप्य।
मुझे ईमेल करने के लिए लिखें।

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