दीपिका बनी मेरे लौड़े की प्रेमिका-1

(Deepika Bani Mere Laude Ki Premika-1)

This story is part of a series:

मेरा नाम सुशांत है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ।

मेरी शादी हो चुकी है और यह कहानी मेरे शादी के बाद हुई सच्ची घटना पर आधारित है।

मुझे एक बार व्यावसायिक सिलसिले में जयपुर जाना था, वहाँ मेरी मौसी की बेटी इंजीनियरिंग पढ़ रही थी, उसका नाम दीपिका है।

मैंने दीपिका को फ़ोन करके मेरे आने की खबर बताया, तो वो बहुत खुश हुई और बोली- मेरे फ्लैट पर ही आना.. मैं वहीं रहने का बंदोबस्त करूँगी।

मैंने पिछली बार उसे मेरी शादी पर ही देखा था जिसको अभी 2 साल हो गए थे।

जब मैं जयपुर पहुँचा तब वो रेलवे स्टेशन पर मुझे लेने आई थी।

जब मैंने उसे स्टेशन पर देखा तो मैं हैरान रह गया, उसमें काफी बदलाव नज़र आया।
अब वो मुझे कोई फ़िल्म की हीरोइन लग रही थी।
जीन्स और टी-शर्ट में कटरीना कैफ जैसी लग रही थी।
सबसे बढ़िया उसका फिगर लग रहा था।
उसकी फिगर शायद 34-28-36 था।

और पहली बार मैं उसे दूसरी नज़रों से देखने लगा और देखते ही रह गया।

स्टेशन से निकलते हुए वो मेरे आगे चल रही थी.. तब मेरी नज़र उसके मटकती हुए चूतड़ों पर ही थी।
उसकी चाल भी बड़ी मादक थी।

जब हम दोनों उसके फ्लैट पर पहुँचे तब दिन के 6 बज़ रहे थे।

फिर हमने बैठ कर थोड़ी देर बातें की और फिर वो वही सो गई।
लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी और अचानक मेरी नज़र उसके लैपटॉप पर पड़ गई जो बाहर टेबल पर रखा था।

मैंने उसके लैपटॉप को खोला तो दंग रह गया, उसके लैपटॉप में पूरा सेक्स का भंडार था।

और उसके इंटरनेट हिस्ट्री पर देखा तो पता चला कि वो अन्तर्वासना की साईट पर इन्सेस्ट वाली कहानियाँ पढ़ती है।

इसके साथ ही साथ वहाँ कई सेक्स वीडियोज भी देखने को मिले।

ये सब देखने के बाद मेरे मन में एक इच्छा पैदा हुई कि अपनी इस मौसी की बेटी को अब किसी भी तरह नंगा देखा जाए।

जयपुर शायद मेरे लिए अच्छी किस्मत लाने वाला था क्योंकि वो मौका भी मुझे जल्दी मिल गया।

मैं करीब 9 बजे को स्नान करने के लिए बाथरूम गया और दरवाज़ा बंद करते समय मैंने देखा कि उसके दरवाज़े में एक छेद बना हुआ
था..
जिस पर आँख लगा कर कोई अन्दर से बाहर या बाहर से अन्दर देख सकता था।

फिर मैं फव्वारे के नीचे खड़ा होकर स्नान करने लगा।

उस वक्त मैं दीपिका के फिगर के बारे में सोचने लगा..
तब उसके मादक जिस्म को याद करके मेरा लंड अपने आप खड़ा हो गया।

मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच से ज्यादा मोटा है।

शादी के बाद भी मेरी मुठ मारने की आदत वैसे ही थी मतलब मैं रोज़ बाथरूम में मुट्ठ मारता था।

तभी बाहर से आवाज़ आनी शुरू हो गई।
मुझे लगा कि दीपिका भी जाग गई होगी और मैं जल्दी स्नान करके तौलिए में ही बाहर आ गया।

तब बाहर बिस्तर पर दीपिका बैठी थी उस वक्त वो शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहने हुए थी, शायद उसने कपड़े बदल लिए थे।

वो बिस्तर पर बैठ कर अपने फ़ोन पर किसी के साथ बात कर रही थी और बीच-बीच में उसके चेहरे पर मुस्कान आती थी।

वो मुस्कुराती हुई बड़ी प्यारी लग रही थी।

तब उसे नंगा देखने की इच्छा और भी बढ़ गई और साथ-साथ तौलिए के अन्दर तनाव भी बढ़ रहा था।

मेरे दिमाग में एक उपाय आया, मैंने दीपिका से बोला- तुम जल्दी से नहा धोकर फ्रेश हो जाओ.. हम बाहर जाकर कुछ खा लेते हैं और मैं वहीं से अपने काम पर चला जाऊँगा।

उसे भी मेरा सुझाव अच्छा लगा और वो तौलिया लेकर बाथरूम चली गई।

जैसे ही दरवाज़ा बंद हुआ मैं दरवाज़े के पास घुटने के बल बैठ गया और दरवाज़े के छेद पर अपनी आँख लगा दी।

अन्दर का नज़ारा साफ़ दिख रहा था।

दीपिका अपने कपड़े उतार रही थी, पहले उसने अपनी टी-शर्ट उतार दिया उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी।
मुझे उसके मम्मे साफ़ दिख रहे थे, शायद 34 साइज़ के होंगे..

Deepika Bani Mere Laude Ki Premika-1

गोरे-गोरे और उठे हुए मम्मों के ऊपर उसके गुलाबी निप्पल्स भी अच्छे लग रहे थे।

फिर उसने अपनी शॉर्ट्स को उतार दिया और मुड़ी।

उसने शॉर्ट्स के अन्दर काले रंग की छोटी सी पैंटी पहनी हुई थी, जिसके ऊपर से उसकी गांड मस्त और उठी हुई लग रही थी।

फिर जब उसने पैंटी उतारी.. तब मेरे बदन से तौलिया भी हट गया और मैं उसके नंगा बदन देखते हुए लौड़े को हिलाने लग गया।

अन्दर दीपिका ने फुव्वारा चालू किया और पानी के बूंदें उसके नंगे बदन पर जब गिर रही थीं.. तब नज़ारा और भी मादक हो गया।

अपने बदन पर साबुन लगाते हुई मुड़ गई.. तब मुझे उसकी चूत देखना भी नसीब हो गया।

उसने अपनी फूली हुई चूत को क्लीन-शेव किया हुआ था।

बिना बालों की उसकी गुलाबी चूत पानी गिरने से चमक रही थी।

मैं मन ही मन में सोचने लगा कि मैं उसकी चूत चाट रहा हूँ और यह सोचते-सोचते ही मैंने लौड़े को ज़ोर से मुठियाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में मेरा पानी निकल गया और मैं कपड़े पहन कर रेडी हो गया।
दीपिका के स्नान करने की बाद हम दोनों जल्दी से तैयार हुए और बाहर चाय और नाश्ते के लिए गए।

वहाँ पर मुझे दीपिका के साथ खुल कर बात करने का मौका मिला।

मौके का फायदा उठाते हुए मैंने उससे ब्वॉय-फ्रेंड जैसी खुली बात पूछ ली, उसने भी खुल कर मुझे बताया- उसका एक ब्वॉय-फ्रेंड है और इससे पहले भी दो रह चुके हैं।

मेरा मन तो किया था कि बात ही बात में उससे उसकी सेक्स लाइफ के बारे में भी पूछ डालूँ, लेकिन इस बात का अंदाजा मुझे पहले से ही था और अब मैं खुद उसके साथ सेक्स का ख्वाब देखने लगा था और मेरे मन में उसे पाने की कोई तरकीब भी चल रही थी।

चाय के बाद मैं अपने काम पर निकल गया और दीपिका से बोला- रात को साथ डिनर पर कहीं बाहर चलते हैं।

वो भी खुश हुई और जब मैं शाम को वापिस उसके फ्लैट पर गया तो देखा कि दीपिका ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी हुई है।

इस शॉर्ट्स में वो बड़ी मस्त लग रही थी।
उसकी जाँघ से नीचे पूरी टाँगें नंगी थीं।
काले रंग के शॉर्ट्स में उसकी गोरी टाँगें बड़ी माफिक लग रही थीं।
उसने टी-शर्ट भी काले रंग के ही पहना था, टाइट फिटिंग वाला एकदम उसके बदन से चिपका हुआ था।

उसके बदन के सारे उतार-चढ़ाव इस पोशाक में साफ़ उभरे हुए दिखाई दे रहे थे.. खास करके उसकी चूचियाँ और कूल्हे..

यही काफी नहीं था कि उसने बाल भी खुले छोड़ दिए थे।

उसने बोला- आज नाईट क्लब चलते हैं और खाना भी वहीं पर खा लेते हैं।

नाईट-क्लब का माहौल मादक था और भी काफी लड़के-लड़कियाँ थे।
उधर म्यूजिक भी बज रहा था और साथ में मद्धिम रोशनी भी थी.. जो माहौल को और भी कामुक बना रही थी।

दीपिका को नाचने का बड़ा शौक था और वो अच्छी डांसर भी थी।
मैं थोड़ी देर उसे नाचते हुए देखता रहा.. तब उसने मुझे भी इशारा करके डांस-फ्लोर पर बुला लिया।

मैं उसके पीछे खड़ा हो गया और डांस करने लगा।

थोड़ी देर में मैंने उसकी कमर को पीछे से पकड़ते हुए डांस चालू रखा और डांस-डांस में थोड़ी देर में ही अपना पूरा बदन.. पीछे से उसके बदन से चिपका लिया।
अब मैं मस्त म्यूजिक मस्त दीपिका दोनों का मज़ा उठाने लगा।

मेरे पैंट के अन्दर भी डांस चल रहा था और अब वो पूरी तरह से खड़ा हो चुका था।

डांस के बहाने मैं अपना लंड उसकी गांड की दरार में रगड़ रहा था और मुझे लगा कि दीपिका भी मज़े ले रही है।

क्योंकि वो भी अपनी कमर पीछे के तरफ कर रही थी।

मैं बहुत उत्तेजित हो गया और मैंने मेरा एक हाथ उसके सारे जिस्म पे चलाना शुरू कर दिया।

तब उसने खुद मेरा हाथ पकड़ा और उसे दिशा दिखाने का काम किया।

अब मुझे पूरे तरीके से यकीन हो गया कि दीपिका भी गरम हो गई है और मुझसे अपना ‘काम उठवाने’ के लिए तैयार है।

क्या मुझे मेरी मौसेरी बहन का काम उठाने में सफलता मिली या सिर्फ ये मेरा एक वहम था।

इसको जानने के लिए अगले भाग की प्रतीक्षा कीजिए।
आपके विचारों से अवगत कराने के लिए मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा।

दीपिका बनी मेरे लौड़े की प्रेमिका-2
दीपिका बनी मेरे लौड़े की प्रेमिका-3

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