अपनी चूत खुद ही फाड़ दी -2

(Apni Chut Khud Hi Faad Di-2)

This story is part of a series:

मैं रोशनी जैन, मेरी उम्र 38 साल है, बदन 38D-31-38 है.

मैं अकेली  रहती हूँ !
मैं अपनी यौन जरूरतें अपनी उंगली, घर में रखी हुए सब्जियों जैसे बैंगन, तोरी, खीरा, केला गाजर से पूरी करती हूँ।
चूँकि मुझे पता था कि अब मैं शादी नहीं करूँगी इसलिए मैंने अपनी फ़ुद्दी के साथ कुछ अलग ही प्रैक्टिकल किया था, मगर आप

लड़कियाँ, बहनें और आंटी ल्पीज़ आप ऐसा कुछ करने की कोशिश मत करना, इन सब से दूर ही रहना…

तीसरी घटना: दोस्तो, वह शनिवार की रात थी, मेरा बहुत मन कर रहा था सेक्स को, मगर कुछ अच्छा नहीं लग रहा था, मैं बहुत उदास थी। मैं पियक्कड़ नहीं हूँ मगर उस दिन मैंने पांच पैग देसी शराब के पी लिए, फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पूरी नंगी हो गई, मैंने टेप रेकॉर्डर मैं फास्ट म्यूज़िक की कैसेट चला दी और अकेली नंगी नाचने लगी, झूम कर कभी एक तरफ गिरती, कभी दूसरी तरफ, कभी अपनी फ़ुद्दी में उंगली डालती, कभी चूचियाँ हिला हिला कर थिरकाती, मैं बहुत ज्यादा नशे में थी, जब चूत में उंगली डालने से मेरी चूत गीली होने लगी तो मुझे और कुछ मिला नहीं, मैंने शराब की बोतल उठाई और फ़ुद्दी में उसका पतला सिरा डाल कर नाचने लगी, बोतल को फ़ुद्दी मैं अन्दर-बाहर करने लगी।

मैं एक बार ज़मीन पर उल्टी लेट गई और शराब की बोतल को फ़ुद्दी के नीचे रख कर ऊपर से ज़ोर लगाने लगी। पौन लिटर वाली बोतल का पतला हिस्सा सारा मेरी चूत में घुस गया था और उसके बाद मोटे वाला हिस्सा भी थोड़ा सा मेरी फ़ुद्दी में घुस गया पर इससे आगे नहीं जा रही थी क्योंकि बोतल बहुत मोटी थी, मैंने बोतल निकाली और इधर उधर कुछ देखने लगी तो मुझे टूथ पेस्ट की बड़ी ट्यूब जो मैंने नई रखी थी नज़र आ गई। मैं टट्टी करने के अंदाज़ में बैठ गई जैसे टायलेट में बैठती हूं और टूथपेस्ट की ट्यूब पूरी अपनी फ़ुद्दी मैं लगाकर घुसा ली और फुद्दी को मज़ा देने लगी और डांस भी कर रही थी।

बहुत ज्यादा घुमाने और अन्दर-बाहर करने से टूठपेस्ट की ट्यूब मेरी फ़ुद्दी में खुल गई और काफ़ी पेस्ट अन्दर निकल गया व ढक्क्न मेरी फ़ुद्दी के अंदर घुस गया। नशे में तो मुझे समझ नहीं आया और मैं ऐसे ही नंगी फ़ुद्दी को शांत करके सो गई। मगर जब अगले दिन उठी तो मेरी फ़ुद्दी में बहुत जलन हो रही थी, मैंने बाथरूम में जाकर अंदर से अपनी फ़ुद्दी को साफ़ किया तो ट्यूब का ढक्कन निकला और पानी से फ़ुद्दी धोई तो जलन कम तो हो गई मगर ख़त्म नहीं हुई।

इस घटना को याद कर का मुझे बहुत हँसी आती है और घबराहट भी होती है कि अगर पेस्ट की ट्यूब का ढक्कन मुझसे ना निकल पाता या वो अन्दर मेरी बच्चेदानी में चला जाता तो क्या होता?
मैं आप सब बहनों, भाभियों, आन्टियों और बहु-बेटियों से एक बार फ़िर गुजारिश करती हूं कि ऐसा करने की कोशिश मत कीजिएगा।

चौथी घटना- ऐसा ही एक और वाकिया, मैंने अपनी फ़ुद्दी का साथ एक प्रॅक्टिकल किया जिसकी वजह से मुझे पूरा एक हफ़्ता बिस्तर पर रहना पड़ा। मुझे एक दफ़ा ख़याल आया कि क्यों ना चूत मैं शराब डाल कर चेक करूँ और देखूँ कैसा लगता है, मैंने देसी शराब की बोतल निकाली, साथ मैं एक लम्बा-मोटा बैंगन भी, और अपना कपड़े उतार कर ब्लू फिल्म देखने लगी और साथ में फ़ुद्दी में लम्बा-मोटा बैंगन डालने लगी, जब मेरी चूत को बैंगन ने पूरी तरह खोल दिया तो मैंने अपनी फ़ुद्दी, जो पहले से ही बहुत बड़ी और खुली हुई थी, मैंने शराब की बोतल उठाई और अपनी चूत को सोफ़े के ऊपर टाँगें खड़ी कर के, फ़ुद्दी को दो उंगलियों से खोल कर दूसरे हाथ से फ़ुद्दी में शराब भरने लगी।

चूँकि मेरी टाँगें ऊपर की तरफ उठी हुए थी तो शराब फ़ुद्दी में अंदर तक चली गई, और मुझे काफ़ी जलन होने लगी, मैं कुछ देर तो स्जलन सहती हुई लेटी रही मगर जब असहनीय लगने लगा तो मैंने उठ कर चलना फिरना शुरू किया, मुझे ऐसा लगा कि मेरी फ़ुद्दी के अंदर किसी ने आग लगा दी है, जिससे मेरी आँखों से आँसू बहने लगे, मैंने जल्दी से पड़ोस की लेडी डॉक्टर को बुलाया, वो फ़ौरन आ गई, जब मैंने उसे सारी बात बताई तो उसने मुझे हॉस्पिटल चलने को कहा, वहाँ उसने मेरी फ़ुद्दी की जांच की, पता चला कि मेरी फ़ुद्दी के अंदर की नसें काफ़ी खराब हो गई थी। डॉक्टर ने मुझे एक हफ़्ते तक बेड रेस्ट का कहा, पूरा एक महीना मैंने अपनी फ़ुद्दी का साथ कुछ नहीं किया, सिर्फ़ फुद्दी में दवाई लगाती थी और फ़ुद्दी को ठण्डी रखने के लिये बर्फ़ की टकोर करती थी।

इसके बाद मैंने दोबारा ऐसा नहीं किया।
मैं आप सब बहनों, भाभियों, आन्टियों और बहु-बेटियों से एक बार फ़िर गुजारिश करती हूँ कि कदापिऐसा करने की कोशिश मत कीजिएगा।

अगली घटनाएँ मैं अगले भाग में पेश करूँगी।

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