चुदाई का प्लान भाभी ने बनाया

(Chut Chudai Ka Plan Bhabhi Ne Banaya)

मेरा नाम अशोक है, मैंने अन्तर्वासना की सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मुझे भी हरदम लगता था कि अपनी भी कहानी यहाँ छपे, पर मैं लिख नहीं पाता था।
यह मेरी सच्ची कहानी है, जो बताते हुए आज भी मुझे गुदगुदी होती है।

मैं महाराष्ट्र में पूना जिले के एक गाँव में रहता हूँ। किराए पर लिए हुए मकान में, ऊपरी मंजिल पर मैं पत्नी, बच्चों के साथ रहता हूँ, नीचे मकान मालिक का पूरा परिवार रहता है।
मकान मालकिन का हर समय हमारे घर में आना-जाना लगा रहता है। मकान मालिक की पत्नी बहुत ही खूबसूरत है, पर मैं डर के मारे उसकी तरफ ज्यादा देखता ही नहीं। वो मुझे देखा करती है यह मैंने महसूस किया है।

एक दिन मैं अपनी पत्नी के साथ हॉल में बैठा था, उसी समय वो आ गई और हमारी गपशप में शामिल हो गई।
बातें करते समय मेरी पत्नी ने अगले दिन बच्चों के साथ मायके जाने वाली बात उसे बता दी।

पाँच मिनट बाद उसने भी अपने घर के सभी सदस्य कल गाँव जाने की बात कही।
वो मेरी तरफ देख कर बोली- कल आप ही अकेले हो, तो जरा दोनों मकानों को ‘सम्भाल’ लेना..!
उसने ‘सम्भाल’ शब्द पर कुछ नजरों से बोला। मुझे कुछ समझ में तो आया तो मैंने भी तुरन्त कहा- क्यों नहीं.. मैं सब देख लूंगा..!

यह कह कर हम सब हँस पड़े पर उसकी और मेरी निगाहों में एक मादक कसक थी।
अगले दिन सुबह मेरी पत्नी, बच्चे चले गये। नीचे के मकान मालिक के घर के सभी लोग सुबह चले गए, पर मकान मालिक की पत्नी शायद नहीं गई। आज मुझे ऑफिस जाने का मन नहीं कर रहा था, थोड़ा सर दुख रहा था।

दोपहर के 11 बजे घर के पीछे के दरवाजे पर खटखट आवाज हुई, मैं चौंक गया और सर दबाते हुए दरवाजा खोला, तो सामने शीला भाभी हाथ में नाश्ते की प्लेट लेकर खड़ी थीं।
मेरा चेहरा देखकर ही वो बोल पड़ीं- क्या हुआ..!
मैंने कहा- सर दुख रहा है..!
कहकर फिर जोर से दबाने की कोशिश की, तो उसने कहा- कुछ लगाया या नहीं?
मैंने कहा- विक्स की शीशी मिल नहीं रही है क्या लगाऊँ… कुछ समझ नहीं आ रहा है…

तभी वो अपने घर गई। उसके पहले ही मेरे दिमाग की बत्ती जल उठी।
उसने आज बहुत ही बढ़िया मेकअप किया था, थोड़ा हल्का सा सेंट भी लगाया था, जो मेरी हलचल और बढ़ा गया।
जैसे ही वो घर चली गई, मैं हॉल में आकर चारपाई पर बैठ गया।

वो विक्स लाई और कहा- चलो अच्छी तरह लेट जाओ, मैं माथे में विक्स लगा देती हूँ।
‘आप क्यूँ तकलीफ करती हो…मैं लगा लूँगा..!’ कह कर मैं बिस्तर पर लेट गया।
वो बोली- नहीं, आप लेटो तो..!
मन ही मन मैं प्रफुल्लित हो रहा था।

वो मेरे कमर के पास बैठ गई और उसने हल्के से विक्स मेरे माथे पर मलना शुरू किया।
उसके चूचे मेरी छाती से लग रहे थे।
‘आहा हा हा…!’
भाभी ने पूछा- क्या हुआ..?
मैंने कहा- आपके हाथों में तो जादू है..!

तो उन्होंने ‘चलो कुछ भी ना कहो..!’ कह कर मेरे गाल पर हल्के से चपत लगाई। वो वहीं बैठ कर मेरा सर दबाने लगी। मैं तो सोचता ही रह गया।
तो मैंने पहल करके अंदाजा लेने की सोची और हाथ से अपनी छाती खुजाने का नाटक करते हुए उसके बड़े-बड़े स्तनों को हल्के से स्पर्श किया।
लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा, तो मैं बार-बार खुजाता गया और हाथ की कोहनी से उसके खरबूजों को दबाता गया, वो भी मेरा सर दबा रही थी।

अचानक उसका दायां हाथ सर को दबाते-दबाते होंठों से छू गया। मैंने उसकी तरफ देखा तो वो भी मुझे तड़फती नजर आई और मैंने अचानक से उसके सर को अपने हाथों में थामा और उसके गालों पर, कान पर, आखों पर, कान पर और गले पर चुम्बनों की बौछार लगा दी।

वो मुझे ‘नहीं-नहीं’ कहती रही, पर उसकी साँसें गर्म होने लगी थीं।
वह विरोध कर स्त्री-सुलभ इन्कार कर रही थी। मैंने जोर से उसके सर को पीछे से पकड़ा और नीचे दबा लिया। बिना देर किए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और फिर हम एक-दूसरे से चिपककर से एक हो गए।

करीब पाँच मिनट तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे। चूमते-चूमते मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा और उधर धीरे-धीरे उसका भी हाथ मेरा लंड टटोल रहा था।
वो अपना हाथ उसके ऊपर रख कर उसको ऊपर से ही सहलाने लगी। ऐसा करने से उसकी साँसें तेज़ होने लगीं और वो मुझे और जोर-जोर से चूमने लगी। फिर हम दोनों की जीभ आपस में रंग-रेलियाँ मनाने लगी। वो भी मुझे एक प्यासी औरत की तरह चूम रही थी।
मैंने उसे हल्के से दूर किया और धीरे से उसे उठाते हुए उसे मेरे बेडरूम में ले गया।

वहाँ जाते ही उसने अपना चेहरा हाथों से ढक लिया, तो मैंने उसके नजदीक जाते हुए कहा- अब क्यूँ शरमा रही हो शीला रानी..!
और उसकी साड़ी खींच कर निकाल फेंकी।
उसने भी मेरे कपड़े निकाले, मैंने उसके ब्लाउज के हुक खोल कर उसका ब्लाउज और काली ब्रा निकाल कर, उसके दोनों गोरे-गोरे स्तन नंगे कर दिए।

अभी मैं पीछे से ही उसके दोनों चूचियाँ दबा रहा था और निप्पल उंगलियों के बीच मसल रहा था।
तभी उसने मेरा सात इंच का लंड बाहर निकाला और उस पर हाथ फेरते हुये सीधा मुँह में ले लिया।

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मुझे स्वर्गिक-सुख मिल रहा था। मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में आगे-पीछे करना शुरू किया।
अब उसे रहा नहीं जा रहा था, वो कहने लगी- अब वक़्त मत जाया करो… डाल दो लंड… मेरी चूत में, इतना बड़ा लंड आज तक नहीं खाया है, आज मेरी फाड़ डालो… जैसे चोदना है… जिस तरीके से चोदना है, चोद डालो लेकिन जल्दी…अब बर्दाश्त नहीं हो रहा…!

अब मैं और मेरा लंड भी शीला भाभी को चोदने के लिए तैयार हो गए थे। शीला भाभी को मैंने अपने लंड पर ऊपर बैठा दिया। भाभी मेरे ऊपर पैरों के सहारे बैठी थी।
मैंने अपने एक हाथ से अपने लंड को भाभी की चूत के मुँह पर रख कर जैसे ही एक जोरदार धक्का दिया, वैसे ही शीला भाभी की चीख के साथ मेरा आधा लंड चूत में घुस गया।
मैं नीचे से धक्के देने लगा और वो खुद को चोदने को कह रही थी।

मैंने और जोर से एक झटका दे डाला और अब मेरा पूरा लंड अंदर जा चुका था। उधर मैंने नीचे से चोदना शुरु किया और इधर भाभी की ‘बचाओ आ…उई मा…मर गई…छोडो ना..आ…!’ ऐसी आवाजें निकल रही थीं।
मेरा लंड उनकी चूत में ‘हाहाकार’ मचा रहा था।
दो मिनट में भाभी को भी मजा आने लगा और वो भी मेरे को अपनी तरफ खींचने लगी।

पाँच मिनट हमारा खेल चलता रहा, उसमें वो एक बार झड़ चुकी थी।
मेरा पानी निकलने वाला था, वो मैंने उसे बताया तो उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर जड़ते हुए मुझे चुप कराया और मेरा पूरा माल उसकी चूत पी गई।

दोपहर के बारह बजे थे, वो दोपहर का खाना लाई, हमने साथ में ही खाया और उस दिन चार बजे और रात में दो बार, भाभी को चोदा।

रात में हम साथ ही सोए, तब उसने ही बताया- आज मुझसे चुद लेने की ठान ली थी..!
यह कहते हुये पूरा प्लान बता दिया।

उसके बाद जब भी मौका मिलता है, मैं उसे चोद लेता हूँ और उसके लिये वो नए-नए प्लान बना लेती है। ऐसे ही एक प्लान में सफर में रात को जीप में उसने मुझे उसके सभी परिवार वालों के साथ होते हुए भी कैसे चोदने का प्लान बनाया? और वो सब अचानक उसकी देवरानी ने देखकर क्या किया? यह मैं फिर कभी बताऊँगा।

मेरी यह पहली हिंदी सेक्सी स्टोरी है। आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएँ।
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