चाचा की साली से पहले चाची-2

(Chacha Ki Sali Se Pahle Chachi-2)

रेहान 2015-05-22 Comments

फिर चाची के हाथ में ब्रा आई और उन्होंने उसे बैग में रख दी तो मैंने शरारत करते हुए कहा- क्यूँ चाची? वो कपड़ा क्यों रख दिया? वो भी पहन के दिखाओ!
तो चाची हँसी और मुझे वो ब्रा ड्रेस के ऊपर से ही पहन कर दिखाने लगी तो मैं उन्हें देख कर बोला- नहीं बराबर आ रही!

चाची- ये तो ड्रेस पे ऐसे ही लगेगी, अंदर बराबर आएगी।
मैं- तो फिर बराबर ही पहन कर दिखाओ!
चाची- शैतान बहुत बड़ा हो गया है तू… और तेरा हथियार भी?
मैं- अब क्या करूँ चाची… आप जैसी हसीना सामने हो तो बड़ा ही होगा ना?

फिर चाची एकदम से गुस्सा हुई और नजर घुमा ली।
मैं डर कर काम करने लगा और चाची भी काम करने लगीं।

फिर थोड़ी देर बाद मुझे एक मिस कॉल आया.. वो मेरे दोस्त का था तो मैंने चाची का मोबाइल लिया और उसको कॉल किया.. पर चाची को पता नहीं था कि मैं उनके मोबाइल से कॉल कर रहा हूँ।

फिर मैंने कॉल किया तो मेरे दोस्त ने कॉल नहीं उठाया तो मैंने मोबाइल रख दिया और काम करने लगा।
फिर जैसे-तैसे शाम हो गई और मैं घर जाने के लिए निकल गया.. कुछ देर में घर भी आ गया।

कुछ देर बाद मैं खाना खाकर घर के बाहर घूमने निकला तो मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों बैठे थे.. तो उसने किसी को कॉल किया और बातें करने लगा। फिर उसे मुझे मोबाइल दिया और बोला।

दोस्त- ले, कोई लड़की बोल रही है.. बात कर उसका मिस कॉल आया था.. और वो इस बात को सच ही नहीं मान रही है।
मैं फोन पर उससे बात करने लगा।

मैं- हैल्लो कौन..?
लड़की- आप कौन..? आपने कॉल किया है।
मैं- आपका पहले मिस कॉल आया था.. आप बोलो.. आप कौन हो?
लड़की- नहीं.. मैंने मिस कॉल नहीं किया।

मैं- ठीक है.. आप कौन हो?
लड़की- गर्ल हूँ मैं।
मैं- ओह्ह्ह.. मुझे तो आप औरत ही लग रही हो..
लड़की- तू है कौन भाई?

मैं- हैं.. मैं भाई नहीं हूँ.. ओके..!
लड़की- तू रेहान ही है ना?

मैं एकदम से घबरा गया और फोन काट दिया.. फिर उसका सामने से कॉल आया.. तो मैंने कॉल उठाया।
मैं- हैल्लो आपको मेरा नाम कैसे पता?
लड़की- साले.. कमीने.. मैं तेरी चाची बोल रही हूँ.. तू मेरा नंबर कहाँ से लाया.. कमीने..

फिर मैंने कॉल कट कर दिया और सोचा.. तब मुझे याद आया कि हाँ मैंने चाची के नंबर से दोस्त को कॉल किया था।
फिर मैं डर गया और सोचने लगा कि अब चाची मुझे नहीं छोड़ेगी और मैं दोस्त को गालियाँ दे कर घर आ गया।

डर की वजह से मैं 3 दिन तक शॉप पर नहीं गया।
फिर पापा ने मुझे जबरदस्ती शॉप पर भेज दिया। तब मैं शॉप पर जा कर बैठा.. सब काम किया।

फिर दोपहर हो गई और चाचा ने मुझे घर से टिफिन लाने को कहा.. मैं तो डरा-डरा सा टिफिन लेने गया और घर में जाकर बैठ गया।

तभी चाची ने पीछे से आ कर मेरे कन्धों पर जोर से चांटा मार दिया। मैं समझ गया कि अब मर गया.. मैं चाची से बोलने लगा।

मैं- सॉरी चाची.. प्लीज मुझे माफ़ कर दो चाची सॉरी.. सॉरी..
चाची- क्यों बहुत सैटिंग करनी है तुझे… इतना बड़ा हो गया?

मैं कुछ भी नहीं बोला और उनके सामने खड़ा ही रहा और नजर नीचे रखी हुई थीं।

चाची- चल सैटिंग करते है हम..
मैं- चाची बस मैं तो ऐसे ही मजाक कर रहा था..
चाची- पर मैं मजाक नहीं कर रही.. चल आ जा..

फिर मैं चाची के पीछे डरा-डरा सा गया और चाची मुझे बैडरूम में ले गईं.. और बैडरूम का दरवाजा बंद कर दिया।
फिर मैं और भी ज्यादा घबराने लगा और चाची को बोला।
मैं- आप की बहन कहाँ है?

चाची- क्यों.. तुझे उससे भी सैटिंग करना है?
मैं- नहीं चाची.. बस मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था.. वो दिख नहीं रही थीं.. तो पूछ लिया।
चाची- वो अपने घर गई है.. कल आ जायेगी।

फिर चाची ने मोबाइल निकाला और बोलीं- ले.. अब तेरे चाचा को कॉल करूँ फिर देख मज़ा..
मैं- प्लीज चाची.. आप इस तरह मत करो.. चाचा को कॉल मत करो।
चाची- नहीं.. कॉल तो करना ही पड़ेगा.. वर्ना उनको पता कैसे चलेगा।
मैं- प्लीज.. आगे से ऐसी गलती नहीं होगी चाची.. प्लीज माफ़ कर दो चाची..
चाची- क्यों अब गांड फट रही है तेरी.. उस वक़्त नहीं फ़टी तेरी..

फिर मैं कुछ नहीं बोला और चाची ने चाचा को कॉल कर दिया और चाचा ने कॉल भी उठा लिया।
चाची- हैल्लो..
चाचा- हाँ बोलो..
मैं रिरयाया- प्लीज.. आगे से ऐसी गलती नहीं होगी चाची.. प्लीज माफ़ कर दो चाची..
चाची- क्यों अब गांड फट रही हे तेरी उस वक़्त नहीं फ़टी तेरी।

फिर मैं कुछ नहीं बोला और चाची ने चाचा को कॉल कर दिया और चाचा ने कॉल भी उठा लिया।
चाची- हैल्लो..
चाचा- हाँ बोलो..
चाची- ये रेहान है ना..

मुझे तो टेंशन होने लगा था और चाची मुझे कातिल नजर से देख रही थीं और मेरे पसीने छूट रहे थे।

चाचा- हाँ.. क्या हुआ रेहान को?
चाची- कुछ नहीं.. बस घर पर जरा काम है.. तो वो थोड़ा शॉप पर लेट आएगा।
चाचा- ठीक है..

फिर चाची मुझे मुस्कुरा कर देखने लगीं और जोर-जोर से हंसने लगीं।
मुझे अब चाची पर गुस्सा आ रहा था और जैसे ही मैं गुस्से में बाहर निकल रहा था.. दरवाजे का लॉक ही खोल रहा था।

चाची ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी गर्दन पर चुम्बन करने लगीं और मेरी छाती पर हाथ घुमाने लगीं।
मैं धीरे-धीरे गरम होने लगा और मेरा सपना सच होने लगा।

मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और घूम कर चाची के गले लग गया और उनके गले पर चुम्बन करने लगा।

अब चाची भी धीरे-धीरे गरम होने लगीं। फिर मैंने उनके होंठों पर चुम्बन किया और वो भी मेरा साथ देने लगीं। अब कभी मैं उसकी जीभ चूसता और कभी वो मेरी जीभ चूसती..

फिर हम वहाँ खड़े-खड़े एक-दूसरे के कपड़े निकालने लगे।
पहले मैंने उनका कुरता निकाला.. आह्ह.. उनके चूचे देख कर मैं दंग रह गया.. क्या चूचे थे.. यार..!

बस फिर कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैं झट से उनके चूचे दबाने लगा। उन्होंने ब्लू कलर की ब्रा पहनी हुई थी.. तो मैं ब्रा के ऊपर से ही चूचे दबा रहा था।
फिर हाथ पीछे डाल कर चाची की ब्रा का हुक खोल दिया।
चाची की आँखें बंद हो गईं।

फिर मैंने चाची को दीवार की ओर मुँह करवाके खड़ा कर दिया.. दीवार से चिपका के.. और उनके उनके पीछे से चुम्बन करने लगा।
अब मैंने उनकी ब्रा भी निकाल दी।

अब तक मैंने चाची के चूचे नहीं देखे थे.. बस उनको पीछे से गरम कर रहा था। फिर चुम्बन करते-करते मैं उनकी सलवार तक आ गया और उनकी आगे की साइड हाथ डाल कर उनका नाड़ा खोल दिया, फट से उनकी सलवार नीचे गिर गई.. अब वो सिर्फ वाइट कलर की पैंटी में खड़ी थीं।

फिर मैंने उनके चूतड़ों को बराबर मसला और उन पर चुम्बन करने लगा। अब मैंने उनकी पैंटी भी निकाल दी और उनकी गांड की दरार पर जीभ घुमाने लगा और बहुत चुम्बन करने लगा।

फिर 5 मिनट के बाद मैंने चाची को सीधा किया और उनके चूचे दबाने लगा और उनकी आँखें बंद थीं और मैं बस इस पल का मज़ा ले रहा था। मैं बस सोच रहा था कि ये पल अब यही थम जाएँ।

तभी चाची सिसकारियाँ निकाल रही थीं- आआह्ह उह… और जोर से.. आःह्ह्ह बहुत अच्छे..
मैं उससे ज्यादा मदहोश होता जा रहा था। फिर चाची ने आँखें खोलीं और कहा- चलो बिस्तर पर चलते हैं।

मैंने उनको ‘हां’ में सर हिला कर जवाब दिया और बिस्तर पर चले आए। मैं चुम्बन करने लगा और धीरे-धीरे मैं उनको कान पर काट लेता और उनकी आवाज आती, “ह्हाईईई”

मैं और गरम हो जाता और मेरा लिंग एकदम कड़क लोहे की रॉड जैसा हो गया था।
फिर मैं उनको चुम्बन करते-करते नीचे आया और मैंने उनकी योनि पर हाथ घुमाया और उनकी सिसकारी निकल गई- ओये… माआआ.. मर गय्यईए..

फिर मैंने उन पर हाथ घुमाते-घुमाते उनकी योनि के होंठों को खोल दिया और उनके दाने को मसलने लगा।
वो अपने आप ही अपने चूचे दबा रही थीं। हम दोनों बहुत गरम हो उठे थे।

तभी चाची चुदासी हो कर बोल पड़ी- अबे अब क्यों देर कर रिया है.. गाड़ दे न अपना खूँठा..
मैंने भी चाची की टांगें फैलाईं और अपना सुपारा चूत के छेद पर टिका कर झटका मार दिया।
चाची की रसीली चूत में मेरा लवड़ा सरसराता हुआ घुस गया।

चाची एकदम से चिल्ला पड़ीं- आह्ह.. उई.. अम्मी.. मार दिया.. अबे मादरचोद.. क्या शामियाने की चूत समझ रखी है भोसड़ी के.. धीरे नहीं पेल सकता था.. हाय मैं मर गई..
मैंने कहा- चाची अब तक कोई औरत चुदने से तो नहीं मरी.. तू कैसे मर सकती है.. और अब ले खा मेरा मूसल.. खींच अपनी चुदासी चूत की खाज मिटा..

‘बहन की लौड़े.. धीरे चोद न..’
‘तेरी बहन का लौड़ा भी बन जाऊँगा चाची.. अभी चिल्ला मत अभी तू चोदने दे.. आह्ह..’
धकापेल चुदाई में चाची झड़ गईं.. पर मैं इकसठ-बासठ करता रहा। चाची दूसरी बार झड़ने को हुई तो मैं भी झड़ गया।

कुछ देर तक यूं ही लिपटे रहने के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने, तभी चाचा का फोन आ गया- क्या हुआ.. रेहान निकल गया?
चाची ने मेरी तरफ देखा और अपनी बुर खुजाते हुए बोलीं- हाँ.. अभी निकला है दो मिनट हुए हैं.. पहुँचने वाला होगा।

फोन कट गया और मैंने आगे बढ़ कर चाची को चूम लिया।
बस अब क्या था चाची की बहन की चुदाई रह गई थी.. किसी न किसी दिन उसको भी चोद ही लूंगा।

अपने विचार मुझे जरूर भेजिएगा।
[email protected]

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