भाभी को चोद कर वीर्य दान दिया

Bhabhi ko Chod Kar Virya daan diya
मैं राहुल हूँ मेरा लंड सात इन्च का है जो हर भाभी को खुश कर सकता है।

यह तब की कहानी है जब मैं 24 साल का था और यह मेरा पहला अनुभव था।

उस भाभी का नाम अंकिता था वो देखने में एकदम करीना जैसी थी, उसका फिगर 36-30-38 का था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसे कामुक माल की मालकिन मेरे साथ चुदाई करेगी।

वो हमारी किराएदार थी।

गर्मी का मौसम था सब लोग छत पर सोए हुए थे, मैं भी छत पर जाकर सोया था।

रात को जब मेरे हाथ को ऐसा लगा कि कुछ टकरा रहा है तो मैंने आखें खोलीं तो सामने भाभी सोई हुई थीं।

मैं डर गया कि गलती से लग गया होगा यदि मैंने कुछ किया तो ये किसी को बता न दें, तो मैं बस आखें बन्द करके सोच ही रहा था कि तभी मुझे लगा कि उसका हाथ मेरी चादर को खींच रहा है।

मैं सोचने लगा कि क्या करूँ, उधर मेरा लौड़ा भी खड़ा होकर तंबू के बांस की तरह हो गया था।

मैंने भी खुद को तकदीर के हवाले कर दिया और उसके पास खिसक गया।

उसने सीधे ही मेरे हाथ को पकड़ लिया और अपनी तरफ अपनी ओर खींचा, मैं क्या करता बस उसके पास खिंछा चला गया।

उसने मुझसे धीमे से कहा- आवाज़ मत करना.. सब सो रहे हैं।

मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।

मेरे मुँह के आगे बस उसे बड़े-बड़े आम थे, जो एक हाथ से पकड़ में ही नहीं आ सकते थे।

उसने कहा- इन्हें चूसो।

मैंने देर ना करते हुए झट से उसके एक मम्मे को मुँह में ले लिया और चूसने लगा।

वो मेरे लौड़े को ऊपर से ही दबा रही थी, तो मैंने धीरे से अपने लौड़े को बाहर निकाल दिया और वो उससे खेलने लगी।

मैंने धीरे से उसे कान में कहा- अब नीचे कमरे में चलो.. यहाँ किसी के जाग जाने का डर लग रहा है।

वो बोली- तुम जाओ.. मैं आती हूँ।

मैं जल्दी से नीचे आ गया। वो मेरे पीछे आ गई, हम दोनों कमरे में चले गए।

मैंने उसको खड़े-खड़े ही चूमना चालू कर दिया, वो भी बेसब्री से मेरा साथ दे रही थी।

वो बोली- चलो ना बिस्तर पर..

मैं उसको उठा कर लेकर गया और पलँग पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। वो चुदासी सी होकर मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रही थी।

मैंने उसका उसका नाड़ा खोल कर पैन्टी भी साथ में उतार दी।

हाय.. क्या चूत थी.. एक गुलाब की पंखुरी जैसी गुलाबी और मुलायम जैसी मैं तो उस पर टूट पड़ा और उसे चूसने लगा।

वो लगातार अपनी चूत ऊपर उठाने लगी और अति उत्तेजना के कारण उसने अपना पानी छोड़ दिया।

मैं उसका सारा नमकीन दही पी गया। अब हम दोनों 69 की अवस्था में हो गए।

उसने मेरे लौड़े को पकड़ा और कहा- वाह.. कितना बड़ा है।

उसने ‘गप’ से मुँह में ले लिया और दो मिनट में ही मेरा पानी उसके मुँह में ही निकल गया।

वो समझ गई कि मैंने कभी किसी के साथ चुदाई नहीं की है।
वो मेरे लौड़े को और ज़ोर से चूसने लगी।

करीब 15 मिनट के बाद मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया।

वो बोली- अब आ जा और पेल दे।

मैं खड़ा हुआ और कहा- कन्डोम तो है ही नहीं।

तो वो हँस कर बोली- तू ऐसे ही आ जा मुझे तुमसे बच्चा चाहिए, तेरे भैया 5 साल में कुछ कर नहीं पाए.. तुम मुझे वो खुशी दे दो जो हर औरत चाहती है।

मैंने कहा- ठीक है..

मैंने अपने तने हुए लौड़े को उसकी चूत की दरार पर रखा और चोट मारी, पर अनुभवहीनता के कारण लंड सही निशाने पर नहीं जा रहा था।

तो वो हँसी, उसने मेरे लौड़े को पकड़ा और अपनी चूत के छेद पर टिकाया और बोली- अब डालो।

उसकी चूत आज भी बहुत कसी हुई थी।

मैंने जोर से झटका दिया तो मेरा आधा लौड़े अन्दर घुस गया।

भाभी कराह कर बोली- धीरे करो.. दर्द होता है।

फिर मैंने एक और जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लौड़ा उसकी चूत में समा गया।

भाभी बोली- बस अभी रुक जाओ.. थोड़ी देर ऐसे ही रहो।

करीब दो मिनट के बाद उसने अपने आप नीचे से अपने चूतड़ उठा कर धक्के लगाना चालू कर दिया।

मैंने भी ऊपर से जोर से धक्के लगाने लगा।

कमरे में उसकी आवाज़ गूंज रही थी।

“बस फाड़ डालो मेरी चूत को.. पूरी रात बस मुझे ऐसे ही चोदते रहो।”

मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था और मुझे लगा कि मेरा होने वाला है, तो मैंने उससे कहा- बच्चा आ रहा है स्वागत करो।

तो वो हँसी और बोली- मेरे बच्चे को अन्दर ही आने दो.. मैं तुम्हारे बीज से ही लड़के की माँ बनना चाहती हूँ।

मैं उसके अन्दर ही झड़ गया। थोड़ी देर बाद उसने कहा- अब बाहर निकालो और वो तकिया मेरे नीचे रखो ताकि सारा पानी अन्दर रहे।

मैंने ऐसा ही किया जो उसने कहा।

कुछ देर हम लोग शान्ति से पड़े रहे।

फिर उसने मुझसे कहा- मेरे पास आ जाओ।

मैं उसके पास गया, तो उसने मेरे लौड़े को मुँह मे लेकर चाटना शुरू कर दिया और बोली- राहुल इस माल की कीमत तुझे पता नहीं होगी।

उसने मेरा हथियार पूरी तरह से चाट कर साफ कर दिया और बोली- जब दिल चाहे आ जाना.. मैं तुम्हारा हमेशा इन्तजार करूँगी।

मैंने उसको करीब दो महीने तक चोदा, तब ज़ाकर अब पेट से हुई है।
अभी उसको 3 महीने का गर्भ है। वो यही कहती है- ये औलाद तुम्हारी है..”

मुझे जब भी मौका मिलता है मैं उसको चुम्बन करता हूँ, क्योंकि अब इस हालत में उसको चोद तो नहीं सकता।

वो भी मुझे शान्त करने के लिए मेरा लौड़ा लॉलीपॉप की तरह चूस कर पानी पी लेती है।

यह मेरी सच्ची कहानी है। आप अपनी राय भेजने के लिए मुझे लिख सकते हैं मेरी ईमेल आईडी है।

 

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