बाथरूम में पंजाबन कुड़ी की चुदाई

(Bathroom mein Punjaban Kudi ki Chudai)

दोस्तो, मैं अपूर्व शर्मा अपनी ज़िन्दगी की नई सेक्स कथा के साथ फिर हाज़िर हूँ। बहुत सारे लोगों ने मेरी पिछली कहानी ‘एक शाम अनजान हसीना के नाम‘ जो अन्तर्वासना डॉट कॉम पर प्रकाशित हुई थी, को बहुत सराहा है। मैं उन सब लोगों का दिल से आभारी हूँ।

मैंने इंजीनियरिंग में कदम रखते ही सेक्स यानि चूत का स्वाद चख लिया था। मैं इंजीनियरिंग दौरान पीजी में रहता था।

पीजी की मालकिन जितनी खडूस थी उसकी बेटी मनु उर्फ़ मनप्रीत उतनी ही पटाका थी।
क्या पंजाबी माल थी, खरबूजे जैसे उसके चुच्चे ! क्या कहने ! वो उसके बदन से अलग ही नज़र आते हैं।
न जाने कितना रस उनमें भरा हुआ है।

उसका बदन गोरा, हाइट 5’3″ पूरा भरा हुआ शरीर है।

मैं पहले दिन से ही उसे चोदने के सपने देखने लगा।

मैं उसे अक्सर कैरम खेलते देखता था पीछे से।

कैरम खेलते वक़्त जब वो झुकती तो उसके झुकी हुई जीन्स से नज़र आते गोरे अधनंगे चूतड़ मुझे आकर्षित करते, उसके कूल्हों के बीच की लाइन मुझे उतेज्जित करते कि चोद दो इसकी चूत को, डाल दो अपना लण्ड इसकी चूत में।

हम दोनों की बातें तो होती थी पर समझ नहीं आ रहा था उसे चोदने के लिए कैसे मनाऊँ।

उसके नाम की मुठ मारते मारते 5 महीने बीत गए पर कोई तरीका ही नहीं मिल रहा था उससे बात करने का।

एक दिन मैं अपने नए फोन पे सेक्स mms देख रहा था, तभी मनु मेरे पास आई और मुझसे मेरा फोन माँगा।

मनु- यही है तुम्हारा नया फोन? जरा दिखाना, मुझे भी इसके फीचर्स देखने हैं।

मैंने जल्दी से mms बंद करके उन्हें दे दिया।

तभी मुझे आंटी ने बुला लिया, मैंने मनु से कहा- आप देखिये, मैं आता हूँ थोड़ी देर में।

5 मिनट बाद मैं जब लौटा तो मैंने चुपके से देखा उसने सेक्स mms खोल रखा है और गर्म होकर वो धीरे धीरे अपने उरोज दबा रही है, अपनी जीन्स के ऊपर से ही अपनी जांघों और वेजाइना को सहला रही है।

मैं उसे दूर से देखता रहा, उसे सेक्स की उड़ान में उड़ने दिया।
फिर उसने शायद सोचा कोई आ जायेगा और खुद कंट्रोल कर के उसने mms बंद कर दिया।

अब मुझे आईडिया मिल गया उसे चोदने के लिए।
मैं उसके पास गया, मैंने पूछा- देख लिए फीचर्स, कौन से फीचर्स सबसे अच्छे लगे?

उसने कहा- वीडियो क्वालिटी सबसे अच्छा है।

मैं- सच में वीडियो देखे? लेकिन मेरे मोबाइल में सारी गन्दी वाली वीडियो थी।

वो डर गई।
फिर वो चली गयी वहाँ से।

मैंने सोचा लगता है गया चांस।
पर जब शाम को मैं अकेला छत पे था, वो मेरे पास आई और मुझसे बाते करने लगी।

काफी देर बात करने के बाद उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है?
मैं- हाँ थी कभी।

मनु- कभी सेक्स किया उसके साथ?

यह सवाल सुन कर मैं सन्न रह गया।

फिर सहज होते हुए मैंने जवाब दिया- हाँ, एक दो बार।

मनु- फिर अभी उसके जाने के बाद कैसे करते हो?

मैं भी धीरे धीरे कॉन्फिडेंस से जवाब दिया- मास्टरबेट कर लेता हूँ, अपने हाथ जगत नाथ!

मनु- यहाँ कोई नहीं है जिसके साथ सेक्स कर सको?

मैं- नहीं, यहाँ सिर्फ मुझे आप ही पसंद हैं।

मनु- तो मेरे साथ करोगे?

यह सवाल पूछ कर उसने सबसे बड़ा बम फोड़ दिया, मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

मैंने भी मौका देख कर उसे बाहों में भर लिया और कहा- हाँ बिल्कुल डियर, बिल्कुल उन वीडियो के जैसे।

मनु- ओह तो तुम सब देख रहे थे।

मैं- हाँ डियर, मैं कबसे तुम्हें अपनी बाहों में भरना चाहता हूँ, तुम्हारे साथ मजे करना चाहता हूँ।

बाहों में भरते हुए मैंने उसके लबों पे अपने लब रख दिए।
‘आआआम्मूऊऊआअह्ह्ह आअम्मूऊऊअह्ह्ह’ मैं उसके लबों को चूसने लगा।
अमुउउउउहहहह !

क्या रस भरे हुए थे उसके लबों में।

मैं वो सारा रस पी जाना चाहता था!

आमुउउअअह्ह्ह !

कभी उसके ऊपरी लब को चूसता तो कभी नीचे।

उसकी जीभ से जीभ टकरा कर उसके लबों को काफी चूसा।

फिर उसने मुझे रोक दिया, कहा- यहाँ कोई देख लेगा। कल सुबह जब मैं कहूँ, तब बाथरूम में नहाने जाना।
और प्यार भरी चुम्मी दे के वो चली गई।

दोस्तो, वास्तव में मेरा और उसके रूम का एक ही बाथरूम है लेकिन इस बाथरूम को उसका परिवार कभी इस्तेमाल नहीं करता था, उसके तरफ से दरवाजा हमेशा बंद रहता था।

मैं जैसे तैसे रात में चुदाई की कल्पना किये सो गया।

सुबह दस बजे के लगभग उसने मुझे कॉल किया और कहा- अब आ जाओ, मम्मी भैया दोनों बाहर गए हुए है और सुनीता (हॉस्टल की नौकरानी) भी काम में लगी है।

मैं बाथरूम में तुरंत घुस गया और 5 मिनट बाद उसने अपने तरफ का खटकटाया।

मैंने झट से दरवाज़ा खोला, वो तुरंत अंदर आ गयी सफ़ेद टॉप और जीन्स में।
कहर ढा रहे था उसका बदन उन कपड़ों में !
उसके बड़े बड़े बूब्स शरीर से अलग नज़र आ रहे थे।

मैंने उससे कहा- कितनी देर लगा दी, कब से इंतज़ार कर रहा हूँ।

बिना कुछ बोले वो मुझसे चिपक गयी और मेरे लबों को चूमने चूसने लगी ‘अममउह्ह्हम्मूआह्ह !’ मेरे बालों को सहलाने लगी, गर्म साँसों के साथ बोली- डियर कुछ मत बोलो, सिर्फ मजे करो ! मैं कबसे तड़प रही हूँ, बहुत दिन से प्यासी हूँ।

मैंने भी उसे ज्यादा न तड़पाते हुए उसके लबों को चूसने लगा ‘आआह्ह्हमुआहहहः आआअम्मुहहुमा’ उसकी पीठ को कमर को सहलाने लगा।
उसके गालों को खूब चूस रहा था ‘आआअम्मूऊऊअहह मुउुआअह्ह्ह’ सच में जन्नत मिल गयी थी।
एक सुन्दर पंजाबी लड़की और क्या चाहिए।

मैं उसके लबों को बेतहाशा चूसे जा रहा था, उसने मेरे कानों के नीचे खूब चूसा !
मुझे बहुत मजा आ रहा था उसकी इस हरकत से !

उसकी गर्म साँसों की आवाज़ मुझमें सेक्स भर रही थी।

मैंने शावर चालू कर दिया।

उसने कहा- रुको डियर, कपड़े उतार दूँ, वरना गीले कपड़ों के साथ बाहर गयी तो सुनीता को शक हो जायेगा।

मैंने कहा- लाओ डियर, मैं उतार देता हूँ।

और मैंने उसका टॉप और जीन्स उतार दिए।

अब वो ब्लैक ब्रा और ब्लैक पेंटी में थी।
गज़ब की सेक्सी लग रही थी।

सफ़ेद गोरे बूब्स पे ब्लैक ब्रा से मस्त और कुछ हो नहीं सकता।

मैंने शावर ओन कर दिया और अब उसके भीगे बदन को चूमने लगा।

फिर से उसके लबों को चूसा ‘आअह्ह्हमूआह्ह्ह’ उसके गले को बेतहाशा चूसा ‘आअहहंऊऊअहअहहा अमुउउउह्ह्ह’ उसके बूब्स उसके ब्रा के ऊपर से ही दबा के उसके चेहरे को खूब चूसा।

वह भी गर्म होकर मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लौड़े को सहलाने लगी, ऊपर नीचे करने लगी।

मैंने उसके ब्रा का हुक खोल दिया।
wow… कितने बड़े गोरे बूब्स थे।

मैंने जरा भी देर न करते हुए उसके बूब्स को मुह में भर लिया।

वह तड़प उठी, वो दीवार पे अपने दोनों हाथ पटकने लगी।

‘आआह्ह्ह्ह्मऊअह्ह्ह आअह्आहह्ह्ह्ह’ करके मैं उसके बूब्स का रसपान करने लगा, पानी की छोटी छोटी बूंदें उसके बूब्स की चमक बढ़ा रही थी।

मैं हर उस बूँद को पी जाना चाहता था ‘आअह्ह्हमआहहह्ह्ह’
वो सिसकारी ले रही थी- स्स्सीईईईई आअह्ह्ह्ह स्स्स्स्सीईइह्ह्हीईई आअह्ह्ह्ह !

उसके बूब्स शावर की गिरती हुई बूंदों में मिठास भर रहे थे।
‘आअह्ह्हमुआहहह!’ मैं उसके बूब्स को निचोड़ रहा था, अपनी जीभ से चाट रहा था। टंग ट्विस्टर कर रहा था उसके निप्प्ल पे।

उसे खड़ा करके उसके नीचे बैठ गया और उसकी जांघों से गिरती बूंदों को पीते पीते उसकी टांगें सहलाने लगा।
उसकी टांग से हर बूँद को पीते हुए मैं धीरे धीरे उसकी वेजाइना की ओर बढ़ने लगा।

‘आअह्ह्हमुआहाह्हहा आअह्ह्हमुअहहहा’ उसकी पेंटी को मैंने उतार दिया।

उसकी वेजाइना यानि फ़ुद्दी से मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी।

मैंने उसकी टाँगें फैला दी और उसकी वेजाइना से पानी की बूंदों को पीते हुए उसकी वेजाइना को चूसने लगा।

आअह्ह्ह्हाआ आअह्हह्हह !

मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल दिया और अपने जीभ और ऊँगली से उसकी वेजाइना चोदने लगा।

‘सूउदूप्प्प इयुडुप्प अआहहहहहहहः आअह्हह्हह!’

वो पागल सी हो गयी।

मैंने उसकी वेजाइना को फैलाया और अपने जीभ को उसकी वेजाइना के हर गहरे भाग में सहलाया।

वो सेक्स में डूब गयी और कभी दीवार पे तो कभी मेरे बालों में अपना हाथ फ़िरा रही थी।
उससे जैसे खड़ा ही नहीं हुआ जा रहा था।
जितना मैं उसकी वेजाइना चाट रहा था, उतना वो पाँव को उठा मेरे ऊपर अपने वेजाइना को दबाये जा रही थी।
‘आअह्ह्ह आआअह्ह्ह !’ और चूसो और ‘आअह्ह्हाह्हहहा डिअर आअह्ह्ह्ह’ की सिसकारी के साथ उसने अपना सारा पानी छोड़ दिया।

उसने मुझे ऊपर उठाया और खूब चूमा और कहा- अब मेरी बारी !

और मुझे कमोड का ढक्कन बंद करके बैठा दिया।

उसने मेरा अंडरवियर उतारा और मेरे लौड़े को निकाल कर मुँह में ले लिया ‘सुड्डूउउप्प् सुड्डूप्प सूडुप्प !’ वह ऊपर नीचे करके मेरे पेनिस को चूसे जा रही थी।

‘सुदुउउप्प्प युउउप्प् ययुउप्प्प उउउप्प्प’ मेरे गीले लण्ड को उसने अपने होठों से चाट डाला’

‘आआह्ह्ह स्सूड्डूप्प!’ वो कभी अपने हाथों से हिलाती, ऊपर नीचे करती।

फिर उसने मेरे लवड़े को अपने बूब्स में दबा लिया और बूब्स से ऊपर नीचे करके पेनिस चूसने लगी।

अब मेरे लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, मैंने उसे उठाया और कमोड पे बैठे हुए उसे अपने ऊपर ले लिया।

फिर धीरे धीरे उसने मेरे पेनिस को अपने वेजाइना में डाल दिया।

उसकी चुदाई अभी एक दो बार हुई थी, इसलिये उसकी बुर कसी हुई थी।

मैंने उसके गले को चूसना शुरु किया ताकि उसका दर्द कम हो जाये।
फिर उसके लबो को चूसते चूमते मैंने उसकी योनि में अपना लिंग डाल दिया।

‘आआह्ह्हहाह्ह आह्ह्ह!’ दर्द से उसकी चीख निकल गई।

मैंने उसे धीरे चूमते हुए सहलाते हुए धीरे धीरे धक्के दिए, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।

मैंने उसे बाहों में समेटा और धक्के तेज़ करके लगा।

‘आआह्हह आह्ह्ह्ह !’ की सिसकारी की आवाज़ मेरे कानों में पड़ने लगी।

‘आअहह्ह आअह्ह्ह्ह्ह !’

मैंने उसके निप्पल रगड़े, उसे चोदते हुए उसकी चूत की क्लिटोरिस को भी रगड़ा।
उसे बहुत मजा आने लगा।
अब वह भी उछल उछल के सेक्स का मजा ले रही थी- आअह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह डिअर !

वो मेरे कानों में सिसकारी भर देती, मेरे कानों को चूसती-चूमती, मेरे लबों को चूसती।

मैं भी उसके चूतड़ पकड़ के उसकी चूत को लण्ड से छेद रहा था।

‘फफ्फ़अच्छ्ह फॉच्छ्ह्ह !’ की आवाज और मनमोहक खुशबू बता रहे थे कि वह झड़ गई है।

मैं उसे शावर के नीचे ले गया और उसकी टांगों को उठा के फिर से उसकी वेजाइना में अपना पेनिस डाल कर जोर जोर से धक्के मारने लगा।

‘…आअह्ह्हा आह्ह्हह्ह आह्ह्ह्ह !
उसकी टांगों को पकड़ कर मैं फिर से जोरदार धक्के मारने लगा।
बीसेक झटके दिए ही थे कि मेरा भी सारा स्पर्म निकल गया, उसने मेरा सारा गर्म माल अपने बूब्स और कमर पे ले लिया।
बहुत सेक्सी लग रही थी!

शावर के पानी की पड़ती बूंदों के बीच उसने मेरे सफ़ेद स्पर्म को अपने शरीर पे मल लिया।

फिर हम दोनों साथ में नहाये और एक दूसरे को तौलिये से पोंछ कर चले गए।

जाते हुए उसने मुझे एक जोरदार फ्रेंच किस दी- आमऊअहअह!

बाहर जाकर उसने अपने बाल हेयर ड्रायर से सुखा लिए।

उस दिन कम समय होने की वजह से हमें एक बार ही मजे करने का मौका मिला।
पर हम कई दिनों तक यों ही मस्ती करते रहे।
उम्मीद है आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी।
मुझे मेल करके अपनी राय दें।

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